भगवान की भक्ति से जीवन सरल हो जाता है -कौशलेंद्र शास्त्री
लखनऊः श्रीमद भगवद फाउंडेशन द्वारा आयोजित मनकामेश्वर मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा का रसपान कराते हुए कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं है। लेकिन आगे चलकर सुधार न होना पाप की श्रेणी में आ जाता है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से विस्तार दिया।
कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में एक बेहतरीन समाधान देता है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करता है। कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की पूजा कर अक्षय पात्र प्राप्त किया। हमारे महत्वाकांक्षी ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया।
इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी और महंत राम उदय दास ने बताया कि शहर की सुख समृद्धि और बेरोजगारों के लिये मंगल कामना को लेकर 16 जनवरी से 23 जनवरी तक श्रीमद्भागवत कथा किया जा रहा है। कथा का समय दोपहर 3.00 बजे से 7 बजे तक है। विशेष रूप से फर्नीचर घर के मालिक प्रमोद सिंह, धानुका एग्रीटेक के एरिया मैनेजर आशुतोष शुक्ला, नीरज तिवारी सूरज शुक्ला पंकज दूबे हरिशंकर शुक्ला जगदीश यादव आदि लोग मौजूद रहे।