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चुनाव

बस्ती सदर सीट पर ब्राह्मण या क्षत्रिय प्रत्याशी पर दांव आजमा सकती है भाजपा

Posted on: Sun, 19, Dec 2021 12:42 AM (IST)
बस्ती सदर सीट पर ब्राह्मण या क्षत्रिय प्रत्याशी पर दांव आजमा सकती है भाजपा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिये कभी भी चुनाव आयोग अधिसचना जारी कर सकता है। इस बीच सभी राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर आखिरी चरण की कसरत शुरू हो गई है। फिलहाल बसपा इसमे सबसे आगे है। सदर विधानसभा पर कुर्मी बिरादरी का प्रतिनिधित्व करने वाले, प्रख्यात आयुष चिकित्सक, कई शिक्षा और चिकित्सा संस्थानों के फाउण्डर डा. वीके वर्मा के सुपुत्र डा. आलोक रंजन को बसपा ने प्रत्याशी घोषित किया है।

इससे पूर्व बस्ती के 5 में 3 भाजपा विधायकों के टिकट कटने की चर्चा जोरों पर हो रही थी, किन्तु इसमें सदर सीट नही थी। यहां सिटिंग एमएलए दयाराम चौधरी का टिकट पक्का माना जा रहा था। किन्तु कुर्मी बिरादरी का एक खास चेहरा सामने आने के बाद उनका टिकट भी कटने की चर्चा तेज हो गयी। माना जा रहा है कि कुर्मी बिरादरी में मजबूत पकड़ रखने वाले डा. वी.के. वर्मा को शिकस्त दे पाना उनके लिये आसान नही होगा। चाय की दुकानों और चुनावी चौपालों पर चर्चा हो रही है कि बस्ती सदर सीट से अब भाजपा किसी खास ब्राह्मण या क्षत्रिय को अपना प्रत्याशी बना सकती है। यह कहा जा रहा है कि डा. वर्मा के मैदान में आने के बाद कुर्मी मतदाता कुछ भाजपा को वोट करते भी हैं तो वे प्रत्याशी को जिताने की स्थिति में नही ले जा पायेंगे।

ऐसे में भाजपा क्षत्रिय या ब्राह्मण पर अपना दांव आजमायेगी। वर्षों से कुर्मी बिरादरी का प्रतिनिधित्व करते आ रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री अपने सभी समर्थकों को लेकर समाजवादी पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। अपनी बिरादरी के मतदाताओं का मन बदलने में उन्हे महारत हासिल है। ऐसे में डा. वी.के. वर्मा के सामने भी चुनौतियां कम नही हैं। एक एक वोट सहेजकर उन्हे चलना होगा। हालांकि अपनी अलग कार्यशैली, सभी को साथ लेकर चलने की सोच और जरूरतमंदों के मदद की प्रवृत्ति के चलते वे हर बिरादरी के लोगों में लोकप्रिय हैं, इसका उन्हे लाभ मिलेगा। दूसरे दलों से चुनाव लड़ने को लेकर अभी तक सदर सीट पर जिन नेताओं के नाम चर्चा में हैं वे महज एक व्यक्ति हैं जबकि डा. वर्मा एक व्यक्तित्व हो चुके हैं।

साल 2017 के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो भाजपा के टिकट पर दयाराम चौधरी को 92,697 वोट मिले थे, 50,103 वोट पाकर सपा और कांगेस के साझा उम्मीदवार महेन्द्रनाथ यादव दूसरे स्थान पर रहे। उन्हे दयाराम चौधरी ने 42,594 वोटों से शिकस्त दी। बसपा के जीतेन्द्र कुमार 79,538 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। समाजवादी पार्टी इस बार आरएलडी को साथ लेकर चुनाव लड़ रही है। आरएलडी के उम्मीदवार राजा ऐश्वर्यराज सिंह को 4,152 वोट मिले थे। जैसे जैसे चुनाव निकट आता जा रहा है समाजवादी पार्टी का माहौल बनता जा रहा है, इसका प्रत्याशियों को कितना फायदा होगा ये वक्त बतायेगा। लेकिन प्रत्याशी तय किये जाने को लेकर सभी दलों में उहापोह की स्थिति है। सबसे खराब स्थिति कांग्रेस की है, जनपद की 5 विधानसभा सीटों में सिर्फ एक सीट पर स्थिति कुछ साफ नजर आ रही है। समीक्षा परिणाम के आसपास पहुंचे इसके लिये प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार करना होगा।


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