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19 अप्रैल 2024
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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

छह माह के अभियान में ढूंढे गये 79 नये कुष्ठ रोगी, 29.29 लाख लोगों की हुई थी स्क्रीनिंग

Posted on: Wed, 01, Jun 2022 10:34 AM (IST)
छह माह के अभियान में ढूंढे गये 79 नये कुष्ठ रोगी, 29.29 लाख लोगों की हुई थी स्क्रीनिंग

गोरखपुर, 31 मई। पाली ब्लॉक में मायके आई 26 वर्षीय सावित्री (काल्पनिक नाम) को कभी पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें कुष्ठ रोग है, अगर आशा कार्यकर्ता कमला देवी ने उनकी मदद न की होती। कुष्ठ रोग के लिए चल रहे सक्रिय रोगी खोजो अभियान के तहत उनके गांव में आई टीम से आशा ने उन्हें ले जाकर मिलवाया। लक्षणों के आधार पर उन्हें कुष्ठ रोगी के तौर पर चिन्हित किया गया।

जांच में इसकी पुष्टि हुई कि वह मल्टी वेसेलरी (एमबी) कुष्ठ रोगी है। उनका इलाज शुरू हो चुका है और सबकुछ ठीक ठाक रहा तो वह एक साल में ठीक हो जाएंगी। छह महीने तक चले इस अभियान में कुल 79 नये कुष्ठ रोगी ढूंढे गये हैं । कुल 29.29 लाख लोगों की स्क्रिनिंग कर यह रोगी ढूंढे गये। सावित्री का कहना है कि उन्हें जब साल भर पहले हाथ व पैर में दाग आने शुरू हुए तो सहजनवां ब्लॉक स्थित ससुराल में इलाज शुरू कर दिया। मेडिकल स्टोर से मंगा कर दवा खाने लगीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसी बीच उनका मायके जाना हुआ।

मायके में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। गांव की आशा उन्हें लेकर टीम के पास गई और उनकी बीमारी पहचान में आ गयी। सीएचसी ठर्रापार से उन्हें निःशुल्क दवाइयां मिल रही हैं और बताया गया है कि साल भर में वह ठीक हो जाएंगी। उनके इलाज में उनके मायके और सुसराल का पूरा सहयोग मिल रहा है। रोग की पुष्टि करने वाले जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता ने बताया कि सीएचसी अधीक्षक डॉ सीपी मिश्रा की देखरेख में पीएमडब्ल्यू चंद्रसेन और एनएमए मुकेश श्रीवास्तव इलाज में मदद कर रहे हैं।

अगर शरीर में सुन्न दाग-धब्बों की संख्या पांच से अधिक है तो मरीज एमबी कुष्ठ रोगी की श्रेणी में आता है। जिले में 29.29 लाख लोगों की जांच के बाद 9364 लोग कुष्ठ जांच के लिए संदर्भित किये गये थे जो संभावित रोगी लग रहे थे। इनमें से 8976 रोगियों की जांच के बाद 79 रोगी पुष्ट हुये। यह जांच अक्टूबर 2021 से लेकर मार्च 2022 तक के अभियान के दौरान की गयी।

निःशुल्क जांच व इलाज

जिले के सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों से कुष्ठ रोगियों का निःशुल्क इलाज चलता है और दवाइयां निःशुल्क दी जाती हैं। अगर लक्षण दिखते ही समय से इलाज शुरू हो जाए तो कुष्ठ से होने वाली दिव्यांगता से बचा जा सकता है। इसलिए अगर बीमारी का लक्षण दिखे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। - डॉ गणेश प्रसाद यादव, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी

कुष्ठ रोग के लक्षण

शरीर में कोई ऐसा दाग-धब्बा जो सुन्न रहता है वह कुष्ठ रोग हो सकता है। यह रोग लैपरी नामक माइक्रो बैक्टेरिया से होता है जो बहुत धीमी गति से इंफेक्शन करता है। यह हेल्दी कान्टैक्ट से नहीं फैलता है। इसका इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में तभी होता है जबकि वह 16-18 घंटा प्रतिदिन कई महीनों तक रोगी के निकट संपर्क में रहे।


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