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29 मार्च 2024
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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

तेज बुखार और झटके आयें मिनी पीआईसीयू, ईटीसी में भर्ती करायें मरीज

Posted on: Thu, 01, Sep 2022 8:49 AM (IST)
तेज बुखार और झटके आयें मिनी पीआईसीयू, ईटीसी में भर्ती करायें मरीज

बस्ती, 31 अगस्त। ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में स्थापित मिनी पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट) व ईटीसी (इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर) में इलाज की अच्छी सुविधा है। जिले के मिनी पीआईसीयू में हुए इलाज से ही जापानी इंसेफलाइटिस का मरीज ठीक हो गया। वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सरफराज खान का कहना है कि अगर तेज बुखार और झटके मरीज को आ रहे हैं तो तत्काल करीबी मिनी पीआईसीयू, ईटीसी में भर्ती करा दिया जाए।

ऐसा करने से ज्यादा संभावना इस बात की रहती है कि मरीज को कहीं रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इलाज देर से शुरू होने पर ही मरीज के दिव्यांग होने या मौत का खतरा रहता है। सीएचसी कुदरहा के मिनी पीआईसीयू में दो जुलाई को ब्लॉक क्षेत्र के सिंगही गांव निवासी एक सात वर्षीय बच्चे को भर्ती कराया गया। बुखार के साथ उसे झटके की शिकायत थी। बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आफताब रजा व मिनी पीआईसीयू की टीम ने इलाज शुरू किया। 24 घंटे बाद मरीज की हालत में सुधार नजर आया। तीन जुलाई को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। जिला अस्पताल में हुई जांच में वह जेई व डेंगू पॉजिटिव मिला। आशा की सहायता से मरीज का फॉलोअप किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।

23 मरीज हुए हैं िच्ह्तित

जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि जिले में अब तक एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 23 व जेई के चार केस िच्ह्तित हो चुके हैं। एईएस के जिला अस्पताल के पीआईसीयू में सात, मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई में एक व ब्लॉक स्तरीय अस्पताल में छह मरीजों को भर्ती किया गया है। ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में ही जेई के चार केस मिले हैं। सभी का इलाज किया गया। केवल गंभीर मरीजों को ही रेफर किया जा रहा है।

चिकित्सक को दिखाया

मरीज के पिता का कहना है कि बेटे को बुखार होने पर स्थानीय चिकित्सक से दवा लेकर खिला दिया। दो जुलाई की भोर में झटका आने के बाद तत्काल स्वंय सीएचसी कुदरहा में दिखाया तो बच्चे को भर्ती कर लिया गया। परिवार डरा हुआ था, लेकिन चिकित्सक ने समझाया कि बच्चा ठीक हो जाएगा, आप लोग समय से आ गए हैं। अस्पताल में इलाज व दवा सभी सुविधाएं निःशुल्क मिली। दूसरे दिन बच्चा ठीक नजर आने लगा। चिकित्सक ने दवा दी और समय-समय पर बच्चे को दिखाते रहने की सलाह दी। दवा का कोर्स पूरा होने के बाद से बच्चा सामान्य है। अब उसे किसी तरह की समस्या नहीं है। इलाज के लिए हमें कहीं भटकना नहीं पड़ा।

आ रहे कई जिलों के मरीज

जिला अस्पताल में 15 बेड का पीआईसीयू संचालित है। यहां पर बस्ती मंडल सहित अन्य जिलों के भी गंभीर मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। पीआईसीयू में बालरोग विशेषज्ञ व स्टॉफ नर्स के साथ ही इलाज में सहयोग के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। पहली जनवरी 2022 से अब तक यहां पर हाईग्रेड फीवर के कुल 92 मरीज भर्ती हुए हैं। 71 मरीज यहां से ठीक होकर गए हैं। इसमें 12 गंभीर मरीज को रेफर किया गया, जबकि पांच मरीज सामान्य होने पर चिल्ड्रेन वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए। चार मरीज इलाज बीच में छोड़कर चले गए। सात एईएस के केस िच्ह्तित हुए, जिसमें तीन का यहीं पर इलाज हुआ, चार रेफर किए गए।

किया गया जागरूक

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जुलाई माह में चलाए गए दस्तक अभियान के दौरान लोगों को जहां जेई, एईएस के रोग व उससे बचाव के बारे में बताया जा रहा है, वहीं समय से इलाज के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। लोगों में इससे जागरूकता बढ़ रही है और रोग का लक्षण दिखते ही वह नजदीकी अस्पताल पहुंच रहे हैं।


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