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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

कोरोना काल में राहत दिलायेगा सोंठ और लहसुन

Posted on: Sun, 27, Sep 2020 11:10 PM (IST)
कोरोना काल में राहत दिलायेगा सोंठ और लहसुन

बस्तीः कोरोना काल में भारतीय चिकित्सा पद्धति काफी कारगर हो रही है। गिलोय, अश्वगंधा और नियमित व्यायाम ने कोरोना वायरस के संक्रमण को पस्त किया है। हमारे देश में ये प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति और कुदरती जड़ी बूटियां न होतीं तो कोरोना को हराना इतना आसान नही था। इनकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस से प्रभावित दुनियां भर के देशों में भारत में मृत्यु दर बेहद कम है। ब्राजील में प्रति 10 लाख की आबादी पर 665 मौतें हो रही हैं।

अमेरिका में 10 लाख की आबादी पर यह संख्या 631 है। भारत में यह संख्या सबसे कम यानी 69 है। यह सिर्फ देशवासियों की जागरूकता, साकार के सकारात्मक प्रयास और कुदरत के द्वारा दिये गये अमूल्य उपहारों का नतीजा है। गिलोय, अश्वगंधा, नियमित व्यायाम और आयुष काढ़ा वरदान साबित हुआ है। यह बातें बस्ती के जिला अस्पताल में तैनात आयुष चिकित्सक एवं आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डा. वीके वर्मा ने कहीं।

डा. वर्मा का दावा है कि सोंठ और लहसुन के इस्तेमाल से कोरोना एक हफ्ते में ही हार जायेगा और मरीज की रिपोर्ट Negative आ जायेगी। सोंठ में वात व कफ नाशक एण्टी बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह पाचन क्रिया ठीक कर सुस्ती और भूख न लगने की शिकायत दूर करता है। जबकि लहसुन वातनाशक, एण्टीवायरल, एण्टीबैक्टीरियल, एण्टी फंगल व कोलेस्ट्राल को कम करने वाले गुणों से भरपूर होता है। यह जोड़ों के दर्द में राहत देने के साथ ही हार्ट का ब्लाकेज भी खोलता है। डा. वर्मा ने बताया सोंठ पाउडर को गरम पानी के साथ चैथाई चम्मच सुबह शाम देना है और कच्चा लहसुन दो पीस सुबह शाम चबाकर खाना है।

ऐसे बनायें आयुष काढ़ा

आयुष चिकित्साधिकारी डा. वीके वर्मा बताते हैं कि चार भाग तुलसी, दो भाग दालचीनी, दो भाग सोंठ, एक भाग काली मिर्च कूट कर पाउडर बना लें। दो कप पानी में यह पाउडर 3 केवल ग्राम मिला लें, पानी एक कप रह जाये तो इसे छानकर, गरम चाय की तरह पीयें। ऐसा सुबह शाम करने से संक्रमण से राहत मिलती है।

कोरोना काल में इसका खास ध्यान रखें

डा. वर्मा कहते हैं कोरोना काल में दो गज की शारीरिक दूरी बहुत जरूरी है।, भीड़भाड़ वाले जगहों पर नियमित मास्क और सेनेटाइजर का भी प्रयोग करते रहें। हाथ ने मिलायें, दूर रहकर प्रणाम करें, खासते समय टीशू पेपर या स्रूमाल का जरूर इस्तेमाल करें। कुछ ना हो तो कोहनी नाक या मुंह पर लगा लें। जिससे वायरस न फैलने पाये और सामने वाला सुरक्षित रहे। जुकाम बुखार सांस लेने में दिक्कत होने पर अपनी जांच करवाना न भूलें। याद रखें जब तक कोरोना की वैक्सीन नही आती है तब तक जानकारी और बचाव ही इसका इलाज है।


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