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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

जाड़े के मौसम में रखें सेहत का ध्यान-डा. वी.के. वर्मा

Posted on: Wed, 02, Dec 2020 4:06 PM (IST)
जाड़े के मौसम में रखें सेहत का ध्यान-डा. वी.के. वर्मा

बदलते मौसम के साथ सेहत पर पर ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि जरा-सी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है और आप बीमारी की जद में आ सकते हैं। मौसम का बदलाव अपने साथ बहुत सारी बीमारियां लेकर आता है। जोड़ों के दर्द और सांस की तकलीफें इस मौसम में बढ़ जाती हैं। जाड़े के मौसम में हर्बल चाय को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। तुलसी, अदरक से बनी चाय का सेवन जरूर करें करें। खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। दिनभर में 7 से 8 गिलास पानी जरूर पीएं जिससे कि डिहाइड्रेजन की परेशानी आपको न हो। ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है इससे बचें। अगर सिरदर्द या बुखार महसूस हो तो अपनी मर्जी से दवा न लें। विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से ही दवा लें। योग खासतौर से जाड़े के मौसम में काफी राहत देता है। नियमित रूप से मेडिटेशन करें व इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। मौसम बदलते समय खांसी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पीड़ित मरीज को रोजाना भाप लेने के साथ नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करना चाहिए।

वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक (लखनऊ) डा. अनुरूद्ध वर्मा कहते हैं बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में सर्दी जुकाम और बुखार आदि की परेशानी आम बात है। इस मौसम में खानपान तथा रहन-सहन के मामले में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। शाम के समय पर्याप्त और सूती कपड़े पहन कर ही निकलना चाहिए। इस बदलते मौसम में वायरल बुखार के मामले बढ़ते हैं। साफ सफाई भी इस मौसम में खास मायने रखती है।

बस्ती के जिला अस्पताल में तैनात आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा कहते हैं कि खानपान का ठीक ढंग से ध्यान रखकर हम मौसमी बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। जाड़े के मौसम में फल और सब्जियां पर्याप्त मात्रा में मिलती हैं। ताजी हरी सब्जियों और फलों का नियमित प्रयोग करना चाहिये। फलों में पपीता, आम, अमरूद, शरीफा, सेव औरा सब्जियों में पत्ता गोभी, चुकंदर, गाजर, मूली, मटर, पालक, शलगम और कद्दू ज्यादा लाभकर होती है। बासी भोजन से परहेज बहुत जरूरी होता है। बले में इंफेक्शन और सर्दी जुकाम से बचे रहने के लिये दिन में दो बार अदरक के रस के साथ शीज लेना चाहिये। हल्दी दूश का मिश्रण आपको इस मौसम में खास राहत देता है।

डा. वर्मा कहते है हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन एंटी इंफ्लेमेट्री प्रापर्टी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर आपको सेहतमंद रखते हैं। हल्दी वाले दूध का सेवन रात में सोने से एक घण्टे पहले सेवन करना करना चाहिये। विटामिन सी पॉवरफुल एण्टी ऑक्सीडेण्ट है। इसका प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिये। गले में खराश, दर्द और इंॅफेक्शन की शिकायत है तो रात में सोते समय गरम पानी में नमक डालकर गरारे करें। इससे आपको राहत मिलेगी। बच्चें को ठंड से बचाने के लिये पूरे और कपडे पहनायें, उनके भोजन में साबुत अनाज, अण्डे, दाल, लहसुन, दालचीनी, अदरक, हल्दी, लौंग शामिल करें। डा. वीके वर्मा ने कहा गले में दर्द, खराश, जकड़न, जोड़ों में दर्द, सांस लेने की तकलीफों को कतई नजरअंदाज न करें। सक्षम चिकित्सक का परामर्श लेकर अपने सेहत का ध्यान रखें।


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