• Subscribe Us

logo
16 अप्रैल 2024
16 अप्रैल 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

संक्रमण रोकने के लिये जरूरी बदलाव लायें डेंटिस्ट, लार में ही सबसे अधिक वायरस

Posted on: Thu, 21, May 2020 2:57 PM (IST)
संक्रमण रोकने के लिये जरूरी बदलाव लायें डेंटिस्ट, लार में ही सबसे अधिक वायरस

बस्तीः कोविड-19 यानि कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को बचाने के साथ ही सहायकों और मरीजों को भी बचाना दन्त चिकित्सकों (डेंटिस्टों) के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह चुनौती इसलिए भी बढ़ गयी है क्योंकि वायरस की सबसे अधिक मौजूदगी कोरोना मरीजों के लार में ही होती है और दांतों के चेकअप और इलाज के दौरान इससे बचना मुश्किल काम है।

यही लार पानी की फुहार और खून के साथ बाहर निकलकर फर्श (सतह) पर भी गिर सकती है और संपर्क में आने वाले को संक्रमित कर सकती है। शहर के विख्यात दन्त चिकित्सक डा. अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है पिछले माह प्रकाशित जर्नल ऑफ़ डेंटल रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना के मरीजों की लार में वायरस की मौजूदगी करीब 91 फीसद तक हो सकती है। मुंह की समस्या पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है, यही कारण है कि 90 फीसद से अधिक बीमारियों के लक्षण मुंह से ही दिखाई पड़ जाते हैं। इसलिए कोरोना काल में लोगों को भी अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि दांतों की समस्या के समाधान के लिए क्लीनिक तक न जाना पड़े और टेलीफोन पर ही जरूरी सलाह से दिक्कत से छुटकारा मिल सके। इसके लिए सरकारी और निजी चिकित्सकों से हेल्पलाइन पर मदद ली जा सकती है।

जरूरी सलाह

डा. अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि दांतों की सुरक्षा के लिए एहतियातन दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए । चिपचिपी चीजों जैसे चॉकलेट आदि से दूर रहना चाहिए। गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करना फायदेमंद हो सकता है। टूथ ब्रश करने से पहले हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से धुल लेना चाहिए। ब्रश को भी अच्छी तरह से धुलकर ही इस्तेमाल करें और बाद में बंद कर रखें। अगर चिकित्सक के पास जाना बहुत ही जरूरी हो तो मास्क लगाकर जाएँ और एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें। बुखार, खांसी या जुकाम है तो चिकित्सक को पहले से ही बता दें। ये छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर हम खुद सुरक्षित रहने के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

सोशल डिस्टेंशिंग का पालन बनी चुनौती

​दांत के मरीजों के चेकअप के दौरान क्लीनिक में एक दूसरे से दो गज की दूरी के मानक की बात करना बेमानी ही होगा क्योंकि अगर मसूढ़ों की सूजन, मुंह के अल्सर और अन्य जाँच करनी है तो चिकित्सक के साथ सहायक को भी मरीज के करीब ही रहना होगा। हालाँकि जब तक कोरोना संकट से पार पाने का कोई स्थायी हल नहीं निकल आता तब तक मरीजों के परीक्षण और इलाज के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतना बहुत ही जरूरी है।

जरूरी बदलाव

क्लीनिक में आने वालों का तापमान मापें। भीड़ से बचने के लिए मरीजों का टाइम स्लॉट तय करें। चेकअप या दांतों की सफाई व फिलिंग के दौरान पीपीई किट पहनें। इंट्रा ओरल एक्स-रे से बचें। एयरोसाल कम से कम करने की तरकीब निकालें। थ्री वे सिरिंज का इस्तेमाल कम से कम करें। सर्जिकल उपकरणों को विसंक्रमित करने की समुचित व्यवस्था करें।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: मामूली बात को लेकर भतीजे ने चाचा को मार डाला पैकोलिया सेल्समैन लूटकांड का खुलासा, नगदी बरामद जिला पंचायत सदस्य की पत्नी का शव फंदे से लटकता मिला लखीमपुर से ट्रैक्टर चुराकर भागे, बस्ती में पकड़े गये पत्रकारों के फलाहार कार्यक्रम में बोले राजेन्द्रनाथ तिवारी, बस्ती का महत्व समझें