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17 अप्रैल 2024
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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

गर्मी के मौसम में रखें सेहत का ध्यान, भोजन कम पानी ज्यादा का फार्मूला अपनायें- डा. वी. वर्मा

Posted on: Tue, 19, Apr 2022 6:23 PM (IST)
गर्मी के मौसम में रखें सेहत का ध्यान, भोजन कम पानी ज्यादा का फार्मूला अपनायें- डा. वी. वर्मा

इस बार गर्मी भी जल्दी शुरू हो गई है, पारा बढ़ा तो उल्टी, दस्त के साथ डिहाइड्रेशन के मरीज बढ़ने लगे। गर्मी में पानी भी प्रदूषित हो जाता है और खाना भी जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे में हमारे शरीर में जब बैक्टीरिया प्रवेश करता है तो पहले उल्टी होती है, इसके बाद पेट दर्द और फिर पतले दस्त होने लगते हैं। भीषण गर्मी में हो रही बीमारी को लेकर मीडिया दस्तक ने बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा से बातचीत की। डा. वर्मा ने कहा कच्चा खाना हमारे लिए हानिकारक है। जूस कच्चा होता है इसलिए वह भी नुकसानदायक होता है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलित होने पर दस्त और रक्तचाप की समस्या देखने को मिलती है। दिनभर बाहर धूप में रहकर काम करने वालों को ज्यादा समस्या होती है। ऐसे में डिहाइड्रेशन की परेशानी होती है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है।

शरीर को हाईड्रेट रखें

डा. वर्मा ने कहा गर्मी के मौसम में शरीर को हाईड्रेट रखने पर ध्यान दें. इसमें खास बात है कि सिर्फ पानी पीने से शरीर में पानी की मात्रा की पूर्ति नहीं होती, इसके लिए अन्‍य चीजें भी लेना जरूरी हैं ताकि पानी के साथ-साथ पोषण तत्‍व भी शरीर में मौजूद रहें। आयुर्वेद पारंपरिक खानपान यानि मौसमी फल, सब्‍जी और पेय पदार्थों के उपयोग की सलाह देता है. आयुर्वेद के अनुसार प्रकृति द्वारा दिए गए ऐसे फल और सब्जियां हैं जो पानी की भरपूर मात्रा अपने अंदर रखते हैं इसके साथ ही पोषण तत्‍वों से भरे होते हैं, लिहाजा इनका सेवन जरूरी है।

हल्का भोजन व तरल पदार्थ लें

इस मौसम में उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन होने की आशंका ज्यादा रहती है। इससे बचाव के लिए साफ और ताजा पानी का सेवन करें। हल्का भोजन करें। यदि शरीर में कमजोरी महसूस हो तो साफ पानी में नमक और चीनी मिलाकर उसके घोल का सेवन करें और तत्काल किसी चिकित्सक को दिखाएं। धूप में निकलने से पहले तरल पदार्थ या पानी पीकर ही निकलें।

बच्चों को धूप में न निकलने दें

तेज धूप में बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दें। निकलना जरूरी हो तो पूरी बांह के हल्के कलर के कपड़े पहनाकर ही जाने दें। बच्चों को तरल पदार्थ अधिक से अधिक दें। यदि बच्चे को दस्त हो जाएं तो ओआरएस का घोल दें तथा पानी की कमी नहीं होने दें। यदि इससे फायदा नहीं हो तो डॉक्टर को दिखाएं। धूप में खुद भी हमेशा सिर ढंककर ही निकलें।

डिहाइड्रेशन से बचें

खूब पानी पीए।. कोशिश करें कि पानी सादा पीने के बजाय उसमें नींबू, ग्‍लूकोज, कोई शर्बत आदि डालकर लें। बाहर जाएं तो उससे पहले कच्‍चे आम का पन्‍ना बनाकर पीएं. घर में रहते हुए भी पीएं तो और बेहतर है। बेल का शर्बत, फालसे का शर्बत, खस का शर्बत, लस्‍सी, छाछ आदि पीएं। खाने के साथ दोपहर में सलाद जरूर खाएं. उसमें खीरा और टमाटर प्रमुख है। मौसमी फलों का सेवन करें. इनमें तरबूज, खरबूज,स्‍ट्रॉबेरी, बेल आदि रसभरे फल ले सकते हैं। घर के अंदर सामान्‍य तापमान में रहें, न ज्‍यादा ठंडा और न ज्‍यादा गर्म। मौसमी सब्जियां, हरी सब्जियां, पालक, हरा धनिया, हरी मिर्च, लॉकी, टिंडा, कद्दू आदि खाएं।

क्‍या न करें

ज्‍यादा पानी पीना भी सही नहीं है. रोजाना 4 लीटर तक पानी पर्याप्‍त है. कोशिश करें पानी की पूर्ति अन्‍य पेय पदार्थों से करें. बाहर धूप में कम से कम निकलें. अगर बाहर जाना भी है तो बिना छाता या गमछा लिए न जाएं. धूप में से सीधे आकर पानी न पीएं. ऐसी स्थिति में फ्रिज का पानी बिल्‍कुल न पीएं. एसी में से निकलकर सीधे ही धूप में भी न जाएं. गर्म धूप में से लाकर तरबूज, आम, खरबूज, खीरा आदि फल तुरंत न खाएं. इन्‍हें कुछ देर पानी में डालकर छोड़ दें या धोकर फ्रिज में रख दें. ठंडा होने के बाद ही इस्‍तेमाल करें। व्‍यायाम के बाद पसीना निकल रहा है तो तुरंत ही पानी न पीएं. उसके कुछ देर बाद पानी पीना शुरू करें. दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीएं. पानी की कमी की पूर्ति के लिए कोल्‍ड ड्रिंक आदि पेय पदार्थ न पीएं. ये फायदे के बजाय नुकसान करेंगे. तला भुना और मसालेदार खाने से परहेज करें।

उल्टी में क्या करें

तुलसी का रस निकालकर पानी में डालकर पिएं तो उल्टी में आराम मिलेगा. तुलसी की पत्तियों के रस में शहद मिलाकर भी पिया जा सकता है. बार-बार उल्टी आ रही हो तो प्याज के रस में शहद मिलाकर पिएं. उल्‍टी जैसा लगने पर दो चार दाने काली मिर्च लेकर चूसें. इसके अलावा कुछ काली मिर्च लेकर करेले के पत्ते के रस में मिला लें और इसे पिएं। लौंग भी उल्टी रोकने में बहुत मदद करता है. आप अगर मुंह में लौंग रखेंगे या इसे दालचीनी के साथ उबालकर इसे पीएंगे तो उल्‍टी रुक सकती है. अदरक और नींबू के रस बराबर मात्रा में लें और पानी के साथ पिएं. अदरक में एंटी-एमिटिक गुण होता है, जो पाचन-तंत्र को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।

नीम की छाल का रस निकालकर शहद के साथ डालकर पिएं. उल्टी में बहुत आराम मिलेगा. अजवाइन, कपूर और पुदीना के फूल के 10-10 ग्राम की मात्रा को अच्छी तरह मिलाकर एक कांच की बोतल में रखें. इसे धूप में रख दें. थोड़ी देर में वह पिघलकर रस बन जाएगा. इसकी 3-4 बूंदें पिएं. दिन में एक या दो बार इसका प्रयोग करें। हरी धनिया का रस निकालें. इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक, एक नींबू डालकर एक ग्‍लास पानी में डालकर पिएं। आधा चम्मच धनिया का पाउडर, आधा चम्मच सौंफ का पाउडर एक ग्‍लास पानी में डालें और इसमें थोड़ी-सी चीनी या मिश्री घोल कर पीएं। गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर दो चम्मच रस पिएं. इसका प्रयोग दिन में तीन बार कर सकते हैं. इससे उल्टी आनी बंद हो जाएगी. गिलोय का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।

लूज मोशन का कारण, निवारण

गंदा या अस्वस्थ पानी, बासी खाना, तैलीय भोजन, ज्यादा देर तक मल को रोकना कई बार दस्त का कारण बन जाती है। इयय राहत पाने के लिये नमक चीनी का घोल दस्त से होने वाली कमजोरी दूर हो सकती है। यह दस्त को रोकने में भी काफी मददगार है। इस उपाय को आजमाने के लिए आप को बराबर मात्रा में पानी में नमक और चीनी का घोल तैयार करना है और इसे थोड़ी थोड़ी देर में पीना है। ताकि आपके शरीर में जो पानी की कमी हो रही है।

नींबू का रस

नींबू का रस आंतों की सफाई करने में काफी मददगार है। यह आपके दस्त को रोकने में काफी मदद कर सकता है। इसके लिए आपको एक कप पानी में नींबू का रस मिला देना है और रोज दिन में तीन बार यानी सुबह, दोपहर, शाम इसका सेवन करना है। कई लोगों को दस्त के साथ पेचिश या खूनी पेचिश की समस्या भी हो जाती है, यह उसमें काफी मददगार साबित हो सकता है।

जीरा पानी

1 लीटर पानी में एक चम्मच जीरे को ऊबाल लें और फिर ठंडा करके रख लें। आपको पानी तब तक उबालना है, जब तक यह उबलकर आधा न रह जाए। उसके बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उसका सेवन करें। यह दस्त रोकने का काफी अच्छा उपाय है।

नारियल पानी

ताजा नारियल पानी दस्त से पीड़ित रोगियों को पिलाने की सलाह दी जाती है। दरअसल नारियल पानी में पोटैशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। जो शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये लूज मोशन की वजह से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।

होम्योपैथी में है कारगर औषधि

उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन की स्थिति में बेलाडोना, मैगफास, इपिकाक, चाइना, मर्कसाल, बेट्रम एलबम

आर्सेनिक एलबम, एलोज, पोडोफाइलम, ईथूजा, को लक्षण के अनुसार चिकित्सक के परामर्श से लेना कारगर सिद्ध हो सकता है। डा. वी.के. वर्मा ने कहा गर्मी के मौसम में खाना कम तरल पदार्थ ज्यादा लेना स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद है।

इक्सपर्ट परिचय

डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। मो.न. 9415163328


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