मिशन इंद्रधनुषः पांच साल में सात बार, टीका न छूटे एक भी बार
बस्ती। मिशन इंद्रधनुष 4.0 के दूसरे फेज का आगाज सोमवार को हुआ। सदर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय जिगना से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ने टीकाकरण का शुभारंभ फीता काटकर व एक बच्चे को पल्स पोलियो की ड्रॉप पिला कर किया। डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि दूसरे फेज के टीकाकरण का यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा।
अभियान में नियमित टीकाकरण से छूटे हुए दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग 12 प्रकार के टीके सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर प्रत्येक बुधवार व शनिवार को निःशुल्क उपलब्ध करवाता है। नियमित सत्रों के दौरान जिन बच्चों व गर्भवती को टीका नहीं लग पाया है, उन्हें आशा कार्यकर्ता द्वारा चिन्ह्ति कर मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण का लाभ दिलवाएंगी। सीएमओ ने बताया कि पहले फेज में छूटे हुए 13098 बच्चों व 3362 गर्भवती को टीका लगाया गया है। कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ. एफ हुसैन, डॉ. सीके वर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. स्नेहिल परमार, यूनिसेफ के डीएमसी आलोक राय, एमओआईसी मरवटिया डॉ. विवेक कुमार विश्वास, डॉ. राकेशमणि त्रिपाठी सहित अन्य मौजूद रहे।
मिलती है सुरक्षा
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि नियमित टीकाकरण 12 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और हीमोफिलस इंफ्लूएंजा से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है। जहां निजी अस्पतालों में इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं।
ये टीके हैं जरूरी
बच्चे के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस बी एवं पोलियो की जीरो डोज, बच्चे के डेढ़ महीने का होने पर पेंटावैलेट एक, ओपीवी एक, एफआईवीपी एक, रोटा एक एवं पीसीवी एक, बच्चे के ढाई महीने का होने पर पेंटावेलेट दो, ओपीवी दो और रोटा दो, बच्चे के साढ़े तीन महीने का होने पर पेंटावेलेट तीन, ओपीवी तीन, एफआईपीवी दो, रोटा तीन एवं पीसीवी दो, बच्चे को नौ से बारह महीने की उम्र में एमआर एवं जेई पहला टीका, पीसीवी और विटामिन ए, 16 से 24 माह की उम्र में बच्चे को एमआर, जेई, डीपीटी, ओपीवी और विटामिन ए हर 6 माह पर 5 साल तक देंगे। बच्चे को पांच से छह साल की उम्र में डीपीटी दो, बच्चे को 10 साल की उम्र में टीडी का टीका, बच्चे को 16 साल की उम्र में टीडी, गर्भवती को टीडी का टीका