• Subscribe Us

logo
25 अप्रैल 2024
25 अप्रैल 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

लगवाने के तुरंत बाद से ही प्रभावी हो जाता है अंतरा इंजेक्शन

Posted on: Tue, 29, Mar 2022 1:04 PM (IST)
लगवाने के तुरंत बाद से ही प्रभावी हो जाता है अंतरा इंजेक्शन

गोरखपुर, 29 मार्च। त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन लगवान के तुरंत बाद प्रभावी हो जाता है। लंबे समय से गर्भ से बचाव के लिए इसे हर तीन महीने पर लगवाना होता है। यह सेवा शुरू करने से पहले प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा जांच करवाना आवश्यक है। ऐसे ही महत्वपूर्ण संदेशों को समाहित करते हुए सात मिनट 44 सेकेंड के वीडियो के जरिये समुदाय में जागरूकता फैलाने का प्रयास हो रहा है।

उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के डीएफपीएस की मदद से यह वीडियो परिवार नियोजन सेवाओं से जुड़े जिले के स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुंचाया जा रहा है। खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्वेता पांडेय का कहना है कि वीडियो उनके जरिये आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, निगरानी समितियों के वाट्स एप ग्रुप में साझा किया गया और सभी से अपील की गयी कि समुदाय को इस वीडियो के माध्यम से जागरूक करें। वीडियो उनके पास विभागीय वाट्स एप ग्रुप पर यूपीटीएसयू के माध्यम से आया था।

केंद्र की फैमिली प्लानिंग काउंसलर व एएनएम रचना मिश्रा बताती हैं कि यह वीडियो काफी जानकारीपरक है और इससे उन्हें परामर्श में भी मदद मिलती है। वीडियो में बताया गया है कि अंतरा इंजेक्शन का पूरा नाम मेड्रोक्सी प्रोजेट्रॉन एसिटेट है। यह स्त्रियों के लिए सरल, सुरक्षित और तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन है। इसमें लाभार्थी की गोपनीयता सुनिश्चित की जाती है। जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली नहीं खा सकती हैं वह इस विधि का इस्तेमाल कर सकती हैं।

यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित होता है क्योंकि यह दूध की मात्रा को प्रभावित नहीं करता है। परिवार नियोजन विषय की जिला स्तरीय प्रशिक्षक डॉ. श्वाति त्रिपाठी का कहना है कि अंतरा इंजेक्शन कुछ मामलों में माहवारी में होने वाली ऐंठन को कम करता है। खून की कमी में फायदा होता है। यह गर्भाशय और अंडाशय कैंसर के जोखिम से भी बचाता है। इस इंजेक्शन का प्रयोग एनीमिक महिला, यौन संक्रमण से पीड़ित महिला, नव दम्पत्ति, स्तनपान कराने वाली महिला और माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव वाली महिलाएं भी कर सकती हैं।

कम हुआ डर

महानगर की निवासी 24 वर्षीय अंतरा इंजेक्शन की लाभार्थी कविता का कहना है कि जब उनका बेटा छह महीने का था तब उन्होंने आशा कार्यकर्ता की सलाह से डॉक्टर की जांच के बाद पहली बार यह इंजेक्शन लगवाया था। इंजेक्शन लगने के बाद माहवारी हल्का-हल्का दो से तीन बार आती थी। कविता को लगा कि कोई परेशानी है। उन्होंने आशा कार्यकर्ता और पड़ोसी स्टाफ नर्स से बात की तो पता चला कि हार्मोनल बदलाव के कारण शुरूआत में ऐसा होता है। चिकित्सक से मिलीं तो उन्होंने भी समझाया। डर खत्म हुआ तो अंतरा का हर तीन महीने बाद डोज लेना शुरू किया। तीन साल बाद बच्चे की जरूरत हुई तो अंतरा बंद कर दिया। बच्ची होने के बाद कविता ने फिर से इंजेक्शन लेना शुरू कर दिया है। वह कहती हैं कि यह इंजेक्शन पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है।

अंतरा को समझिये

गर्भवती, उच्च रक्तचाप वाली महिला जिनका बीपी 160, 100 हो, अकारण योनि से रक्तस्राव के इतिहास, प्रसव के छह सप्ताह के भीतर, स्ट्रोक या मधुमेह की बीमारी, स्तन कैंसर (पहले या बाद में) और लीवर की बीमारी वाली महिलाएं अंतरा नहीं लगवा सकती हैं। अंतरा इंजेक्शन माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर, स्तनपान कराने वाली महिला प्रसव होने के छह सप्ताह बाद, स्तनपान न कराने वाली महिलाएं प्रसव के तुरंत बाद और गर्भपात की स्थिति में गर्भपात के तुरंत या सात दिन के अंदर अंतरा अपना सकते हैं।

अंतरा एक डीप इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन है जो बांह, कूल्हे या जांघ में लगाया जाता है। इंजेक्शन लगने के बाद उस स्थान की सिंकाई करना, रगड़ना या मलना मना है। गरम सिकाई भी नहीं करना है। इंजेक्शन लगने के बाद स्वास्थ्य केंद्र में पांच से दस मिनट तक अवश्य ठहरें। अंतरा लगने के बाद महीने के बीच कभी भी असामान्य रक्तस्राव, माहवारी के दौरान लंबे समय तक रक्तस्राव और माहवारी न आने जैसे शारीरिक बदलाव हो सकते हैं, लेकिन इनसे घबराना नहीं है।

जरूरी नहीं है कि यह शारीरिक बदलाव सभी महिलाओं में हों। अंतरा इंजेक्शन का प्रयोग बंद करने के बाद महिला को पहले की तरह माहवारी आने लगती है। अंतरा लगाने के बाद इसका असर तुरंत बंद नहीं किया जा सकता है। यह यौन संक्रमण और एड्स से बचाव नहीं कता है। इसे बंद करने के बाद गर्भ धारण करने में सात से दस माह लग सकते हैं। बच्चों में तीन साल के अंतर के लिए इंजेक्शन की चार से पांच डोज ही लेना पर्याप्त है ।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: आटो चालक, खलासी ने मिलकर उड़ाया दो लाख का जेवर