त्योहारों और पर्वों पर कोविड के खतरों से बेफिक्र हैं लोग, बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान होने वाला मेल-मिलाप और सामाजिक आदान-प्रदान फिर से कोविड को बढ़ा सकता है। हालांकि त्योहारों और पर्वों पर लोगों को कोविड के खतरों से बेफिक्र देखा जा रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान देवघर के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय का कहना है कि जब तक लोग अपनी जिम्मेदारी नही समझेंगे घातक कोरोना को हराना असंभव है।
यदि हम निकट भविष्य में सामान्य स्थिति में वापस जाना चाहते हैं, तो हमें आत्म-प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छठ पूजा जैसे त्यौहारों के दौरान बहुत अधिक मेल जोल और अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए. सामाजिक सभाओं से बचना चाहिये। जहां जाना बेहद जरूरी है, वहां मास्क पहनें, समय-समय पर हाथ धोते रहें. कोरोना वैक्सीन सबके लिए जरूरी है, इस संदेश को अधिकतम लोगों तक पहुंचाते रहें। आपको बता दें देश में 1,52,606 मरीजों का आज भी इलाज चल रहा है। शनिवार को 12,907 नये मरीज मिले हैं और 251 की मौत हुई है। जबकि 13,152 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हुये हैं। महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल राज्यों में अभी भी सैकड़ों की संख्या में संक्रमित रोजाना मिल रहे हैं और गैर राज्यों से लोगों का आवागमन बना हुआ है।