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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

गुर्दे की पथरी से घबरायें नहीं, डा. वर्मा से जानें कैसे मिलेगी निजात

Posted on: Mon, 23, May 2022 2:54 PM (IST)
गुर्दे की पथरी से घबरायें नहीं, डा. वर्मा से जानें कैसे मिलेगी निजात

अक्सर लोगों के गुर्दे में पथरी बन जाती है। इसमें उम्र कोई मायने नही रखता। सामन्यतया खान पान और अनियंत्रित दिनचर्या पथरी का कारण होती है। कम उम्र के लोगों में भी यह शिकायत बहुतायत मिल रही है। पथरी क्या है, क्यों बनती हैं, इसके लक्षण क्या हैं, पथरी होने पर क्या करें, पथरी न हो इसके लिये क्या करें ? ऐसे बहुत सवालों का जवाब लोग जानने को उत्सुक रहते हैं। इसके लिये हमने बस्ती के जिला अस्पताल में तैनात आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा से विस्तार में बातचीत किया।

क्या है गुर्दे की पथरी

गुर्दे की पथरी एक क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ है जो गुर्दे या मूत्र नली में कही भी हो सकती है। छोटी साइज की पथरी प्रायः मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है। लेकिन अगर पथरी 5 एमएम से ज्यादा की हो तो यह मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा करती है, परिणामस्वरूप दर्द और उल्टी जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। कई कारण हैं जो पथरी की साइज बढ़ा देते हैं।

क्यों होती है गुर्दे में पथरी

आजकल गुर्दे में पथरी होना जैसा सामान्य हो गया है। इसके लक्षण नजर आते ही तुरंत पथरी का इलाज करना चाहिए. आइये जानते हैं किडनी की पथरी किन कारणों से होती है। कम मात्रा में पानी पीना इसका एक मुख्य कारण है। यूरीन में केमिकल की अधिकता, शरीर में मिनरल्स की कमी, डिहाइड्रेशन, वटामिन डी की अधिकता, जंक फूड का अति सेवन पथरी बनने की संभावना को बढ़ा देता है।

गुर्दे की पथरी के लक्षण

वैसे तो गुर्दे में पथरी होने से दर्द होता है लेकिन इसके साथ ही कई और लक्षण होते हैं, जिन्हे जानना जरूरी है। मूत्र त्यागने के समय दर्द, पीठ के निचले हिस्से, पेट में दर्द और ऐंठन, मूत्र में रक्त आना, जी मिचलाना और उल्टी आना, पेशाब में दुर्गन्ध, बार-बार पेशाब आना परंतु खुलकर पेशाब न आना, बुखार, पसीना निकलना आदि किडनी में पथरी होने के लक्षण हैं।

क्या करें कि गुर्दे में पथरी न हो

इसके लिए आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने चाहिए। मूंगफली, पालक, चुकन्दर, शीशम के बीज, चॉकलेट, जिमीकंद तथा अधिक मात्रा में प्रोटीन नही लेना चाहिये। सोडियम की अधिक मात्रा न लें। जंक फूड, डिब्बा बंद खाना और नमक के बहुत अधिक सेवन से बचें। पालक, साबुत अनाज आदि में ऑक्सलेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन न करें। टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से स्टोन की समस्या बढ़ जाती है। कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड स्टोन के खतरे को और बढ़ाता है। शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ने न दें इसके लिये मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें। टमाटर, पालक, चौली, फूलगोभी, बैगन, मशरूम, चीकू, कद्दू, काजू, चाकलेट, चाय, काफी का प्रयोग न करें।

क्या करें

दिन में 10 में 12 गिलास पानी रूक रूक कर पीयें। यूरिक एसिड की मात्रा न बढ़ने दें। नारियल पानी, गाजर, केला, नीबू, अनानास, जौ, बादाम का सेवन करें। खट्टे फल और उनके रस स्वाभाविक रूप से सिट्रस के कारण कि‍डनी स्टोन को कम करने या रोकने में मदद कर सकते हैं। नींबू, संतरे और अंगूर इसके अच्छे स्रोत हैं। संतरे का जूस, मौसमी का जूस, ताजा नींबू पानी, फलों का ताजा रस विशेष रूप से पिएं। आंवले का रस या पाउडर रोजाना सुबह खली पेट लेने से काफी लाभ मिलता है।

कुछ घेरलू उपचार

4. शोध के अनुसार विटामिन बी की 100-150 एमजी की नियमित खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है। 5. एक दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीने से पथरी निकल जाती है। 6. चम्मच नींबू का रस व समान मात्रा में ऑलिव ऑयल मिलाएँ। इसे जरूरत के हिसाब से पानी के साथ पिएँ। इसको दिन में 2-3 बार करें। तीन दिन इसे लगातार करें यदि पथरी बाहर निकल जाती है तो इसे आगे न दोहराएँ। 7. सेब का सिरका गुर्दे की पथरी के इलाज में लाभकारी है। सेब के सिरके में क्षार के गुण होते है यह किडनी स्टोन को घुलने में मदद करता है। 1 कप गुनगुने पानी 2 चम्मच विनेगर व 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में बार-बार पिएँ।

8. तरबूज किडनी से पथरी निकरलने में मदद करता है। तरबूज में पोटैशियम होता है जो किडनी को मजबूत बनाने में सहायक होते है। ये यूरीन में एसिड लेवल को समान रखता है। पोटाशियम के साथ इसमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है। इसे खाने से शरीर में पानी बढ़ता है व पथरी यूरीन के द्वारा निकल जाती है। इसके अलावा तरबूज के रस में एक चौथाई चम्मच धनिया पाउडर डालकर सेवन करें। दिन में दो-तीन बार ऐसा करें।

होम्योपैथी में उपचार

डा. वी.के. वर्मा कहते हैं होम्योपैथी में गुर्दे की पथरी का सफल इलाज है जिससे बगैर आपरेशन पथरी छोटे छोटे टुकड़ों में टूटकर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है। बरबेरिस क्यू, कैन्थरिस क्यू 15 से 20 बूंद दिन में 3 बार लेने से पथरी निकल जाती है। कलकेरिया कार्ब, सारसा परीला, लाइकोपोडियम पथरी को गलाने में सहायक है। इसे 30 या 200 के पावर में लक्षणानुसार डाक्टर की देखरेख में लेना चाहिये। दर्द होने पर मैगफास और बेलाडोना अच्छा परिणाम देता है।


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