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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

बरसात के मौसम में बीमारियों से रहे सावधान, करे कोविड नियमों का पालन-डा. वी.के. वर्मा

Posted on: Fri, 30, Jul 2021 11:05 PM (IST)
बरसात के मौसम में बीमारियों से रहे सावधान, करे कोविड नियमों का पालन-डा. वी.के. वर्मा

बस्तीः कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के साथ ही बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों से सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। वरिष्ठ आयुष फिजीशियन डा0 वी0 के0 वर्मा ने बताया कि इस वक्त अस्पतालों में मौसम के मारे मरीजों की लाइन लगी रहती है प्रतिदिन 150 से 250 मरीज उनके ओपीडी में आ रहे हैं। इसमें ज्यादातर मरीज वायरल बुखार की चपेट में है।

सर्दी जुकाम खांसी के मरीजों की भी अच्छी खासी संख्या है, दूषित खान पान की वजह से लोग उल्टी दस्त के भी शिकार हो रहे है। अगर जरा सी सावधानी बरती जाए तो अस्पतालों के चक्कर लगने से बचाया जा सकता है। डा. वर्मा ने बारिश के मौसम ने बीमारियों को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है जलजमाव की वजह से होने वाली बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है, इस मौसम में बारिश से कई स्थानों पर जल जमाव कीचड़ व गंदगी से पैदा होने वाले मच्छर और बैक्टीरिया बीमारियां फैलाते हैं।

इसके अलावा मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं जो पानी और खाद्य पदार्थों को दूषित कर शरीर की बीमारियों का कारण बनते है। डा0 वर्मा का कहना है कि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा वायरल बुखार फैलता है इससे बचने के लिए सादा खाना खाएं, पानी उबालकर पींए और बाहरी चीजों से पूरी तरह से परहेज करें। कूलर का प्रयोग बगैर पानी के करें, पानी के साथ अगर कूलर चलाएंगे तो बीमारोने की पूरी संभावना बनी रहेगी। वायरल बुखार के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इस मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है जो बैक्टीरिया के कारण होता है इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त आते हैं। हैजा रोग भी दूषित भोजन व पेय पदार्थ के कारण होता है। पेट में ऐठन के साथ लगातार होने वाली उल्टी दस्त रोग के प्रमुख लक्षण है। इसके कारण शरीर में पानी की कमी होना और मिनरल्स की कमी हो जाती है और मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। डॉ0 वी0 के0 वर्मा ने बताया कि बारिश के मौसम में मलेरिया आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है इससे बचने के लिए अपने आसपास पानी का जमाव ना होने दें।

डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। इस बात पर विशेष ध्यान रखें। एडीज मच्छर के काटने से पहले वाले इस रोग का प्रभाव पूरे शरीर और जोड़ों में तेज रूप से होता है। इससे बचने के लिए घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें तथा धूप में निकलने से बचें। चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाला बुखार है इसका मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है इससे बचने के लिए जलजमाव से बचें। लक्षणानुसार चिकित्सक के देखरेख में बारिश में होने वाली बीमारियों में एकोनाइट, बेलाडोना, रस्टाक्स, डल्कामारा, चाइना चेलिडोनियम, मर्कसाल, इपीकाक, नक्सवाम, मैगफांस, कोलोसिन्थ, पल्सेटिला इत्यादि दवाएं ली जा सकती है।


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