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लंबी बीमारी के बाद अब दूसरों को कोरोना से जिताने में लगी सुशीला

Posted on: Mon, 11, May 2020 3:33 PM (IST)
लंबी बीमारी के बाद अब दूसरों को कोरोना से जिताने में लगी सुशीला

बस्तीः 9 माह बाद सेवानिवृत्त होने जा रहीं 59 वर्षीय सुशीला देवी ने कोरोना वारियर बनकर मिसाल पेश किया है। शहर के एक निजी होटल में इन दिनों क्वारंटीन चल रही सुशीला कोरोना ड्यूटी के ठीक पहले इस कदर बीमार थीं कि अपने ही अस्पताल में उन्हें तीन-तीन बार भर्ती कराना पड़ा था। लॉकडाउन के समय लगातार वह उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित थीं, लेकिन जैसे ही ठीक हुई, परिवार वालों के मना करने के बावजूद वह कोरोना ड्यूटी पर निकल पड़ीं। कैलीगांव स्थित महर्षि वशिष्ठ स्वायत्तशासी मेडिकल कालेज के कैंटीन में उन्होंने 18 दिन सेवाएं दीं। कोरोना मरीजों, संकदग्धों, सहित क्वारंटीन लोगों के खानपान का ख्याल रखा और पूरी सावधानी बरतते हुए दिनरात सेवाएं दीं।

संतकबीरनगर जिले की मूल निवासी सुशीला देवी ने वर्ष 2001 में स्टॉफ नर्स के तौर पर सेवा शुरू की। उस समय कैलीगांव में मेडिकल कालेज न होकर ओपेक हॉस्पीटल कैली हुआ करता था। उनका कहना है कि नर्सिंग के दौरान कोरोना जैसी आपदा उन्होंने कभी नहीं देखा। जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तब उनकी कोरोना ड्यूटी नहीं लगी थी। अचानक तबीयत काफी बिगड़ गई। रक्तचाप स्थिर ही नहीं रहता था। थॉयरायड की दवा पहले से चलती है। तबीयत बिगड़ने पर घर वालों ने अस्पताल में भर्ती करवा कर इलाज करवाया। धीरे-धीरे तबीयत में सुधार हुआ। इसी बीच उच्चाधिकारियों ने पूछा कि क्या वह ड्यूटी करने में सक्षम है। परिवार के लोगों ने मना किया लेकिन वह इसके लिए तैयार न थीं। अब वह कोरोना ड्यूटी के लिये तैयार थी।

सुशीला देवी का कहना है कि वह यह मौका नहीं खोना चाहती थीं। अधिकारियों द्वारा जो भी प्रोटोकॉल बताए गए उनका पालन किया। उन्होंने प्रशिक्षण में बताए गए एक-एक बात का ध्यान रखा और सुरक्षा उपकरणों से लैस होकर कोरोना मरीजों और उनसे जुड़े लोगों के पौष्टिक खानपान का ध्यान रखा। उनका कहना है कि पूरे नौकरी के दौरान जिस आत्मसुख की प्राप्ति कोरोना ड्यूटी में मिली है, वैसा एहसास कभी नहीं हुआ। हां, घरवालों से एक महीने से अधिक समय से दूर करने का मलाल जरूर है। वह कहती हैं कि वाट्स एप और मोबाइल के जरिये बच्चों और परिवार से बात हो जाया करती है। उनका एक कोरोना टेस्ट हुआ है जो निगेटिव रहा है। अभी एक कोरोना टेस्ट और होगा। इसके बाद उन्हें उनके परिवारके बीच जाने की इजाजत मिल जाएगी।


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