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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

मंकीपाक्स ने दी दस्तक, जानिये कैसे करेंगे बचाव

Posted on: Sun, 31, Jul 2022 3:15 PM (IST)
मंकीपाक्स ने दी दस्तक, जानिये कैसे करेंगे बचाव

बस्तीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ था कि मंकीपाक्स कहर बरपाने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपाक्स के प्रकोप को अब वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार, मंकीपाक्स अब तक दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है। इस साल अब तक मंकीपाक्स के 14,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अफ्रीका में मंकीपाक्स से पांच लोगों की मौतें भी हुई हैं।

मंकीपाक्स के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने हिदायत जारी की है जिसके मुताबिक जिन लोगों में मंकीपाक्स के लक्षण दिखाई दें, उसकी सूचना अपने राज्य व यूटी के स्वास्थ्य विभाग को देने और ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखने को कहा गया है। बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने बताया कि मंकीपाक्स भारत में भी दस्तक दे चुका है। केरल में इस वायरस के चार मामले सामने आ चुके हैं। इसका इलाज नही हैं। लेकिन लक्षण के अनुसार होमियोपैथिक औषधियां संक्रमण से निजात दिला सकती हैं। उन्होने विसतार से जानकारी देते हुये इसके लक्षण, संक्रमण फैलने के कारण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी।

क्या है मंकीपाक्स

मंकीपाक्स वायरस एक मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। 1958 में यह पहली बार शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इस वायरस का पहला मामला 1970 में रिपोर्ट किया गया है। मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में यह रोग में होता है।

लक्षण जानिये

बार-बार तेज बुखार आना। पीठ और मांसपेशियों में दर्द। त्वचा पर दानें और चकते पड़ना। खुजली की समस्या होना।

शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना। मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना। गला खराब होना और बार-बार खांसी आना मंकीपाक्स के लक्षण हैं।

कैसे फैलता है संक्रमण

मंकीपाक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में लोगों को शारीरिक संपर्क से बचाव रखना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति में पंकीपाक्स के लक्षण हैं, तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को इलाज पूरा होने तक खुद को आइसोलेट रखना चाहिए। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से भी हो सकता है।

क्या है इलाज

मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन चेचक का टीका मंकीपाक्स को रोकने में 85 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है। मंकीपाक्स को यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसे कम जोखिम वाला वायरस बताया है।

होम्योपैथी में उपचार

बैरियोलिनम, मार्विलिनम, बेलाडोना, एपिसमेल, कैन्थरिस, रसटाक्स, बैप्टीसिया, आर्सेनिक एलबम, सल्फर, मर्कसाल आदि औषधियां लक्षण के अनुसार डाक्टर की देखरेख में ली जा सकती हैं।

इक्सपर्ट परिचय

डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। मो.न. 9415163328


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