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मत्स्य पालन में अपार संभावनायें पुरूष

Posted on: Thu, 10, Jun 2021 3:06 PM (IST)
मत्स्य पालन में अपार संभावनायें पुरूष

बस्तीः (जितेन्द्र कुमार) मछली पालन को अगर आप स्वरोजगार बनाना चाहते हैं तो भारत सरकार आपको सुनहरा अवसर दे रही है। नीली क्रांति की कल्पना साकार करते हुये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत देशभर में अनेकों बेरोजगार अच्छा लाभ अर्जित कर रहे हैं। बस्ती जनपद में तैनात मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि इस योजना में अपार संभावनायें हैं। कम पूंजी और थोड़ी देखभाल से अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है।

अनुदान

किसी भी जाति की महिला या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के पुरूष को 60 फीसदी अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। सामान्य & OBC पुरूष को अह अनुदान 40 फीसदी मिलता है। बाकी रकम खुद ही लगानी पड़ती है। संदीप वर्मा ने बताया कि जनपद में अनेकों लोग इस अनुदान का लाभ लेकर मछली पालन का व्यवसाय सफलतापूर्व कर रहे हैं। योजना का लाभ लेने के लिए मछुआ, मत्स्य पालक, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उद्यमी, निजी फर्म, फिश फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन, कंपनीज, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएं इन परियोजनाओं के लिए आवेदन कर सकती हैं। लाभार्थियों को देय अनुदान की धनराशि दो या तीन किश्तों दी जाएगी।

प्रशिक्षण

कोविड 19 के कारण अग्रिम आदेशों तक प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थगित हैं। कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के अन्तर्गत ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र बंजरिया में एक दिन का वैज्ञानिक प्रशिक्षण प्रगतिशील मत्स्य पालकों द्वारा दिया जाता है।

मत्स्य बीज

मत्स्य बीज बसती जनपद के राप्ती मत्स्य पालन केन्द्र पड़िया चौराहा से प्राप्त होगा जो उत्तर प्रदेश मत्स्य बीज विकास निगम की हैचरी है। इसके साथ ही राजकीय मत्स्य परिक्षेत्र शंकरपुर निकट विक्रमजोत से भी मत्स्य बीज प्राप्त किये जा सकते हैं। कई मत्स्य पालक स्वतः स्थानों का चयन कर मत्स्य बीजों की बिक्री करते हैं। समय समय पर इसकी जानकारी मिलती रहती है।

तालाब सुधार

मनरेगा योजना के तहत तालाब सुधार के लिये मत्स्य पालकों को किसान क्रेकडिट कार्ड के जरिये लाभ दिया जाता है। निजी तालाबों पर मत्स्य पालन कर रहे लोगों को विभाग द्वारा आरक्षित सीमा के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। जनपद में अभी तक कुल 1263 तालाब सरकारी पट्टे के हैं जिनका क्षेत्रफल 976.23 हेक्टेयर है। लगभग 250 मत्स्य पालक निजी जमीनों में तालाब खुदवाकर मत्स्य पालन का व्यवसाय सफलतापूर्व कर रहे हैं।

कैसे आवेदन करें

आवेदन करने के लिए पूर्ण प्रस्तावना प्रस्ताव सहित ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसके लिए वेबसाइट http://fymis.upsdc.gov.in पर उपलब्ध मत्स्य समृद्धि फार्म ऑनलाइन भरने के साथ अपना फोटो, आधार कार्ड, निर्धारित प्रारूप पर 100 रुपए के स्टाम्प पर नोटरी प्रमाणपत्र बैंक से अगर बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो बैंक का अग्रिम स्वीकृति पत्र व भूमि संबंधी अभिलेख अपलोड करना होगा। इसके बाद लाभार्थियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के अनुसार किया जाएगा।

कितना लाभ होगा

मछली पालन का व्यवसाय हर कोई कर सकता है। महिलायें पुरूषों की सहायता कर उत्पादन से बिक्री तक आय बढ़ाने में अहम योगदान दे सकती हैं। बस्ती जनपद में तैनात मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार वर्मा बता ते हैं कि एक एकड़ के तालाब से 5 लाख रूपये सालाना की इनकम की जा सकती है। जबकि बस्ती के कलवारी क्षेत्र में मत्स्य पालन कर रहे बालकृष्ण पाण्डेय ने बताया कि एक एकड़ के तालाब में सम्पूर्ण लागत करीब 10 लाख रूपये आयेगी। अगले सीजन से लागत कम और मुनाफा ज्यादा होने लगता है। तालाब का क्षेत्रफल बड़ा होने पर खर्च में बहुत कम बढ़ोत्तरी होगी लेकिन लाभ इसी अनुपात में होने से स्थिति अच्छी हो सकती है।


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