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29 मार्च 2024
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हजारों में एक है मुसहा प्रथम का सरकारी विद्यालय, विजिट के बाद पत्रकारों ने सराहा

Posted on: Wed, 18, May 2022 9:26 PM (IST)
हजारों में एक है मुसहा प्रथम का सरकारी विद्यालय, विजिट के बाद पत्रकारों ने सराहा

बस्ती, 18 मई। मीडिया विजिट कार्यक्रम के तहत पत्रकारों की टीम अशोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में गौर विकास क्षेत्र के मुसहा प्रथम स्थित इंग्लिश मीडियम मॉडल प्राथमिक विद्यालय पर पहुंचा। यहां विद्यालय का भ्रमण कर पत्रकारों ने मौजूद व्यवस्थाओं, सुविधाओं का अवलोकन किया। कक्षाओं में पहुंचकर पत्रकारों ने बच्चों से संवाद बनाया और उनकी विषयगत जानकारियों का परीक्षण किया। पत्रकारों के पहुंचने पर स्काउट के बच्चों ने ढोल नगाड़ों से उनका स्वागत किया, उन पुष्पवर्षा की गयी। विद्यालय में स्थापित कम्प्यूटर कक्ष, स्मार्ट क्लास, लायब्रेरी, पोषण वाटिका, महापुरूषों के चित्र, व्यवस्थित शौचालय, पेय जल के लिये आरओ प्लान्ट, सभी कमरों में लाइट पंखों के लिये सोलर सिस्टम, म्यूजिक सिस्टम, आकर्षक गार्डन, पुष्प वाटिका, दुर्लभ किस्म के मनमोहक पौधे हर किसी को अपनी आकर्षित करते हैं।

गोष्ठी में हुई सराहना

विद्यालय की व्यवस्थाओं से प्रभावित होकर पत्रकारों ने प्रधानाध्यापक रामसजन यादव और उनकी टीम की जमकर सराहना की। गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये अशोक श्रीवास्तव ने कहा रामसजन यादव सरीखे लोगों से हमे प्रेरणा लेनी चाहिये। इन्होने जितनी शिद्दत से विद्यालय को संजाया संवारा है ऐसे उदाहरण हजारों में भी नही मिलते। नौकरी करने की भावना से काम करने वाले लोग ये परिणाम किसी कीमत पर नही दे सकते। जब तक दायित्वों को बोझ समझकर उनका निर्वहन किया जायेगा केवल काम चलाऊ नतीजे ही दिखते हैं।

लेकिन अपना काम समझकर, नवाचार के सिद्धान्तों को अपनाकर किसी भी क्षेत्र में प्रयास किये जायें तो ऐसे उदाहरण बनते हैं। पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ले अध्यापक अध्यापिकाओं से कहा आप अपने दायित्व समझें, समाज में आ रही गिरावट, टूटते परिवारों, रक्त सम्बन्धों में आ रही दूरियों, निरन्तर बढ़ रहे गंभीर अपराधों के लिये कहीं न कहीं हम और आप जिम्मेदार हैं। हमे समाज को जो देना चाहिये शायद वो नही दे पा रहे हैं, बच्चों में जो संस्कार डालने चाहिये उसमें कहीं न कहीं चूक हो रही है, नतीजा ये है कि समाज का चेहरा विकृत होता जा रहा है। उन्होने किताबी ज्ञान के साथ साथ बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान कराने तथा गुड टच बैड टच की जानकारी देने पर जोर दिया।

वरिष्ठ कवि, पत्रकार डा. रामकृष्ण लाल जगमग ने कहा बस्ती मंडल में एक भी विद्यालय इस टक्कर का नही है। यह विद्यालय कानवेन्ट स्कूलों को भी चुनौती दे रहा है। विद्यालय में अधिकांश व्यवस्थायें प्रधानाध्यापक ने निजी मदों से किया है। पूरी टीम की जितनी सराहना की जाये कम है। उन्होने कहा निष्पक्षता से फैसले हों तो राष्ट्रपति पुरस्कार पर पहला हक प्रधानाध्यापक रामसजन यादव का है। गोष्ठी को सत्यदेव शुक्ल, जय प्रकाश उपाध्याय, राष्ट्रीय हैण्डबाल खिलाड़ी हिना खातून, अनिल कुमार श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव, कृष्णकुमार श्रीवास्तव, रामललित यादव, संतोष श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया।

नामांकन की होड़

विद्यालय में नये सत्र में प्रवेश कराने के लिये अभिभावकों की होड़ लगी है। इलाके के लोग मुसहा प्राथमिक विद्यालय में ही अपने पाल्यों को पढ़ाना चाहते हैं। अध्यापक अध्यापकाओं की टीम अभिभावकों के घर भी पहुंच रही है। प्रधानाध्यापक ने बताया पिछले सत्र में यहां छात्र संख्या 623 थीं। करीब 195 बच्चे 5 वीं कक्षा पास कर दूसरे विद्यालय में चले गये। मौजूदा सत्र में छात्र संख्या 587 है। इस बार पिछले सत्र का रिकार्ड टूटेगा और बच्चों की संख्या 623 से ज्यादा होगी।

विद्यालय में 18 व्यवस्थित कमरे

इस विद्यालय में कुल 18 कमरे हैं। 11 कमरों में कक्षायें संचालित होती हैं। सभी कमरों में डेस्क बेंच पंखे, ब्लैक बोर्ड, आकर्षक पेण्टिंग कराई गई है। लाइट न रहने पर इनवर्टर या सोलर सिस्टम से व्यवस्था संचालित की जाती है। सभी कमरे हवादार और टाइल्स से सुसज्जित हैं।

मानक से कम हैं अध्यापक

अजीब विडम्बना है कई विद्यालय ऐसे हैं जहां दो दर्जन बच्चों में 3 से 4 अध्यापकों की तैनाती है और कई ऐसे विद्यालय है जहां मानक के अनुसार अध्यापक ही नही हैं। शैक्षिक गुणवत्ता, अनुशासन बनाये रखने के लिये प्रधानाध्यापक रामसजन यादव ने निजी स्तर पर अध्यापिकाओं की नियुक्ति कर रखा है। तनख्वाह मिलने पर उन्हे अपनी जेब से भुगतान करते हैं। इनका नाम उन्होने प्रेरणा साथी रखा है। दूर दूर तक ऐसे उदाहरण ढूढ़ने से भी नही मिलेंगे। यहां बच्चों की संख्या के हिसाब से 19 अध्यापकों की जरूरत है लेकिन तैनात अध्यापकों की संख्या महज 8 है। मानक के अनुसार अध्यापकों की मांग वर्षों से की जा रही है। लेकिन महकमे के अफसर अनसुना करते आ रहे हैं। उनके फैसलों का पेमाना क्या है ये वे ही जानें लेकिन मुसहा प्रथम का विद्यालय देखने के बाद अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लाजिमी हैं।

राष्ट्रपति पुरस्कार के पात्र

मौके पर मौजूद पत्रकारों, अभिभावकों ने एक आवाज में कहा प्रधानाध्यापक रामसजन यादव राष्ट्रपति पुरस्कार पाने के असल हकदार हैं। ऐसा न होने का मतलब कहीं न कहीं फैसलों में बेमानी है। सभी ने दावे के साथ कहा मुसहा प्रथम जैसा विद्यालय बस्ती जनपद में ही नही बल्कि मंडल के किसी जिले में नही है। ऐसे प्रयासों को मुकाम न मिले हौसले पस्त होते हैं। जबकि उत्साहित करने पर नतीजे कई गुना बेहतर हो जाते हैं।

राष्ट्रीय खिलाड़ी का हुआ स्वागत

कार्यक्रम में मौजूद राष्ट्रीय हैण्डबाल खिलाड़ी हिना खातून का फल मालाओं से स्वागत किया गया। बच्चों ने हिना का अपना प्रेरणा स्रोत माना। इस अवसर पर हिना ने उन्हे आत्मरक्षा के गुर, सिर उठाकर जीने की कला और बुराइयों से लड़ने की प्रेरणा दी। कहा खुद को कभी कमजोर और छोटा मत समझों। इस बात का हमेशा ध्यान रहे तुमसे अच्छा और महत्वपूर्ण्ण कोई नहीं। हिना ने कहा हमे इस विद्यालय से आधा दर्जन खिलाड़ी चाहिये, इसके लिये हम हर प्रकार से सहयोग करेंगे।

डा. शिवप्रसाद की सुनिये

शैक्षिक गुणवत्ता सम्बर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण समूह के संयोजक डॉक्टर शिव प्रसाद ने कहा जनपद के ऐसे 10 विद्यालयों को चिन्हित कर उसे मुसहा की तर्ज पर संजाया संवारा जा रहा है। इसमे मुसहा का विद्यालय मॉडल बन चुका है। समूह के अन्य विद्यालय और वहां के स्टाफ, प्रधानाध्यापक इसी अवधारणा को आगे बढ़ा रहे हैं। उद्देश्य है कि समूह के ये विद्यालय उत्तर प्रदेश में शिक्षा का एक नया मॉडल खड़ा करें।

पत्रकारों का हुआ जोरदार स्वागत

विद्यालय पर पहुंचने पर पत्रकारों का ढोल नगाड़ों से बच्चों ने स्वागत किया, उन पर पुष्पवर्षा की गयी। सभी को विद्यालय परिवार की ओर से अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह आदि देकर स्वागत किया गया। प्रधाध्यापक ने पुष्प गुच्छ देकर व माल्यार्पण कर सभी के प्रति हार्दिक आभार जताया। इससे पहले अशोक श्रीवास्तव, डा. रामकृष्णलाल जगमग सहित सभी आगन्तुकों ने सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप जलाकर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का संचालन डा. शिवप्रसाद ने किया। पाकीजा सिद्दीकी, दशरथ नाथ पांडे, जगदीश कुमार, अखिलेश त्रिपाठी, विमला देवी, विजय कुमार, शंकरा चार्य, राम तौल, राम जीत, कुन्नू देवी, रामरती आदि लोग उपस्थित रहे।


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