मानवता के गाल पर तमाचा है आरक्षण-लक्ष्मीनरायन
लखनऊः भूतर्पव डीआईजी एवं राष्ट्र उत्थान पार्टी के अध्यक्ष लक्ष्मीनरायन श्रीवास्तव से उनके लखनऊ स्थित आवास पर आरक्षण के मुद्दे पर खुलकर बात हुई। उन्होने कहा किसी भी व्यवस्था के तहत आरक्षण मानवता के गाल पर एक तमाचा है। आरक्षण की व्यवस्था राजनीतिक कारणों से हुई। 1931 में पूना पैक्ट इसकी बुनियाद है। यह सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिये किया गया था। जातिगत आरक्षण वंशानुगत हो चुका है। एक सर्वे के मुताबिक महज 4 फीसदी लोगों को इसका लाभ मिला था।
आरक्षण का लाभ उस व्यक्ति को जाना चाहिये जिन्हे समाज में ऊपर उठाने की जरूरत है। हमारा मानना है कि सिर्फ गरीबों को आरक्षण मिलना चाहिये। 62 फीसदी आबादी सिर्फ अनुसूचित जाति और मुसलमानों की है। मुसलमानों को सबसे ज्यादा गरीब माना जाता है, काफी हद तक इसमें सच्चाई है। आरक्षण का लाभ प्रायः उसको मिल रहा है जिसके पिता को पहले मिल चुका है।
एक बार आरक्षण का लाभ मिलने पर वह गरीबी रेखा से ऊपर उठ जायेगा, इसके बाद पुनः उसे इसका लाभ न मिले तो हमेशा इसका लाभ नये गरीब परिवारों को मिलेगा। आरक्षण लगातार जातिगत व्यवस्था को मजबूत किया है। केवल वोट बैंक की खातिर लोग आरक्षण को सही तायने में लागू नही किया जा रहा है। आरक्षण भावनात्मक हो चुका है, यह हकीकत से बहुत दूर जा चुका है। आरक्षण समाज को खोखला कर रहा है। राष्ट्र उत्थान पार्टी चाहती है कि आरक्षण का लाभ केवल उन्हे मिले जो वाकई उसके पात्र हैं।