विकास को तरस रहा है अटल जी का पैतृक गांव बटेश्वर, परिजन बोले सीएम से कोई उम्मीद नहीं
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की आज जयंती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज देश के 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रूपये किसान सम्मान निधि ट्रांसफर करेंगे। लेकिन आगरा के बटेश्वर में स्थित अटल जी का मकान खण्डहर बन चुका है। इस पर किसी का ध्यान नही है। उनकी याद में किसान दिवस आयोजित हो रहे हैं लेकिन अटल जी के परिजन आज भी बटेश्वर के विकास की राह देख रहे हैं।
2019 में हुए लोकसभा चुनाव से सात माह पहले 16 अगस्त 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने अंतिम सांस ली थी। तब भाजपा ने देश में उनकी अस्थि कलश यात्रा निकाली थी। फिजाओं में अटल बिहारी बाजपेयी अमर रहे, वंदे मातरम् जैसे नारों की गूंज सुनाई दी थी। देश के 22 राज्यों की 100 पवित्र नदियों में उनकी अस्थियों का विसर्जन किया गया था। उसमें उनके पैतृक निवास स्थान बटेश्वर में सीएम योगी आदित्यनाथ खुद यहां अटल की अस्थियां विसर्जित करने पहुंचे थे और यहां के कायाकल्प को लेकर बड़े बड़े वादे किए थे। आज भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी का 96 वां जन्मदिवस है। बटेश्वर में रहने वाले अटल के कुछ रिश्तेदार ने एक अखबार से कहा कि इस सरकार से हमें कोई उम्मीद नहीं है।
यह मुख्यमंत्री ब्राह्मण विरोधी है। हम तो बस 2022 का इंतजार कर रहे हैं। अटल बिहारी बाजपेयी की मौत के बाद लखनऊ के लोक भवन में अटल की बड़ी सी मूर्ति लगाई गई। लेकिन बटेश्वर में उनकी मूर्ति अभी तक नहीं लग पाई है। अटल के रिश्ते में भतीजे राकेश बाजपेई कहते हैं कि मैं खुद भाजपा युवा मोर्चा का ब्लॉक मंत्री रहा हूं। अटलजी के घर को म्यूजियम में तब्दील करने का वादा किया गया था। लेकिन कुछ नहीं हुआ। मैंने कई बार शिकायती पत्र भेजा। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। अटल जी का घर जहां हम सभी साथ रहते थे। अब वह खंडहर हो चुका है। उसमें बबूल के पेड़ उग आए हैं। राकेश बताते हैं कि हमारे ज्यादातर रिश्तेदार या तो ग्वालियर चले गए या फिर दिल्ली शिफ्ट हो गए। बस 5 से 7 लोग ही बचे हुए हैं।