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29 मार्च 2024
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साक्षात्कार शख्सियत / व्यक्तित्व / लेख

व्यक्तित्व की बात करें तो सब पर भारी पड़ेंगे जीतेन्द्र पाल

Posted on: Sat, 08, Jan 2022 9:52 PM (IST)
व्यक्तित्व की बात करें तो सब पर भारी पड़ेंगे जीतेन्द्र पाल

बस्तीः U.P. में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। यहां छठें चरण में चुनाव होना है। जिले की सदर विधानसभा सीट से दर्जनों उम्मीदवार टिकट की लाइन में लगे हैं। सबसे लम्बी फेहरिस्त भाजपा की है। कोई धनबल पर तो कोई बाहुबल पर, कोई अपने व्यक्तित्व पर तो कोई खुद को निष्ठावान कार्याकर्ता बताकर चुनाव में शानदार जीत के दावे कर रहा है।

चूंकि भारतीय जनता पार्टी की स्थिति 2017 जैसी बिलकुल नही रही, विपक्ष की कड़ी चुनौतियां सामने हैं, इसलिये पार्टी बहुत सोच समझकर प्रत्याशियों का चयन करेगी। संभावित प्रत्याशियों की फेहरिस्त में एक नाम जीतेन्द्र पाल का है। महादेवा विधानसभा का मथौली जीतेन्द्र पाल का पैतृक गांव है। लेकिन वे वर्षो से बस्ती शहर के शिवा कालोनी में खुद के मकान में रहते हैं। वे पेशे से ठेकेदार हैं। एक लम्बे समय से बीएसएनएल से जुड़े हैं। इनके दो बेटे इनके कारोबार में सहयोगी हैं। शिक्षा में एमए बीएड जीतेन्द्र पाल इससे पहले एक इण्टर कालेज में अध्यापक थे। बाद में वे ठेकेदारी करने लगे और अध्यापन कार्य छोड़ दिया। इसी बीच वे पूर्व में बसपा के कद्दावर नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के संपर्क में आये।

उन्हे उचित सम्मान और यथोचित स्थान मिला तो नजदीकियां बढ़ती गयीं। उन्हे अपना राजनीतिक गुरू मान लिया। 2017 के चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्या ने बसपा छोड़ दिया, उनके सैकड़ों समर्थक भी पार्टी छोड़ दिया। अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास कराने के लिये स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकतांत्रिक बहुजन मंच का गठन किया और जीतेन्द्र पाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुये मंडल प्रभारी बना दिया। जीतेन्द्र पाल के नेतृत्व में बहुत कम समय में मंडल में लोकतांत्रिक बहुजन मंच के हजारों कार्यकर्ता और समर्थक हो गये। यही हाल उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों का था। उ.प्र. की राजनीति को स्वामी प्रसाद मौर्य के राजनीतिक कद का अंदाजा हो गया।

अब 15 साल से परोक्ष अपरोक्ष राजनीति में सक्रिय जीतेन्द्र पाल बस्ती 310 सदर विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। जीतेन्द्र पाल शानदार व्यक्तित्व के धनी हैं। उनकी सज्जनता, सौम्यता, छल कपट और धोखाघड़ी से दूर की दिनचर्या और कार्यशैली की लोग मिसाल देते हैं। लोग यहां तक कहते हैं कि राजनीति में इतना सरल, सहज व्यक्तित्व वाला व्यक्ति अपना मुकाम कैसे बनायेगा ? लेकिन वहीं तमाम लोग उनके बार में यह भी कहते हैं कि राजनीति की दिशा और दशा बदलनी है और भ्रष्टाचार न करते हुये इमानदार राजनीति को बढावा देना है तो राजनीति के खांचे में जीतेन्द्र पाल जैसा ही व्यक्ति होना चाहिये।

स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में पूरे मंडल में संगठन खड़ा करने में सफल रहे जीतेन्द्र पाल के लिये बस्ती व रूधौली दोनो विधानसभा क्षेत्र एक जैसे हैं। जितनी मजबूती से वे सदर विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं उतनी ही मजबूती से रूधौली में भी। फिलहाल प्रत्याशी का चयन पार्टी नेतृत्व को करना है, देखना होगा कि पार्टी मौजूदा विधायकों पर दांव लगाती है या फिर नये चेहरों को अवसर मिलेगा ? 2017 के चुनाव में भी जीतेन्द्र पाल ने सदर विधानसभा सीट से चुनाव नड़ने की इच्छा जाहिर किया था लेकिन जातीय गणित में न सेट हो पाने के कारण उन्हे अवसर से वंचित रखा गया।


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