हलके में न लें कोरोना की तीसरी लहर को
जी हां सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। किसी ने बिल्कुल सही कहा है। यह आदर्श जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है। हम कोरोना के संदर्भ में बात करें तो जिस तरीके से कोरोना की पहली लहर आई और पूरे देश में कोहराम सा मच गया। लाखों लोगों की जान चली गयी। कहीं कहीं न यह हमारी लापीवाहियों का परिणाम था। यदि हमने शुरू से अपनी जिम्मेदारी समझा होता तो शायद जान गंवाने वालों की संख्या इतनी ज्यादा न होती। कोरोना की दूसरी लहर और ज्यादा खतरनाक साबित हुई। लोगों ने पूरी लापरवाही बरती। ना अपनी जान की फिक्र और ना ही दूसरे की। लाखों लोगों की सांसें थम गईं। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
जितना कोरोना बढ़ा उतनी ही लापरवाही बढ़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जान है तो जहान का संदेश दिया लेकिन सभी लोगों ने शायद इस संदेश को भुला दिया। इधर कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी भी आ गई। अगर ऐसे ही लापरवाही बरती गई तो कोरोना की तीसरी लहर और भी अधिक खतरनाक रूप ले सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है। इसलिये हमें देश के एक अच्छे नागरिक की तरह अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुये खुद और दूसरों को संरक्षित करना होगा। लेखक का नाम. मोहम्मद तालिब पता. गोरखपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल नंबर. 9026717646