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हिन्दी फिल्मों की दुनियां में धूम मचायेगी ‘बियावान‘

Posted on: Sat, 06, May 2017 9:09 AM (IST)
हिन्दी फिल्मों की दुनियां में धूम मचायेगी ‘बियावान‘

मुंबई (विशेष संवाददाता कुंदन शर्मा की रिपोर्ट) हिंदी सिनमा के अँन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्देशक कृष्ण कांत पण्ड्या एक विचारोत्तेजक, बोल्ड और व्यवसायिक फ़िल्म ’बियाबान द कर्स बाई वूमन’ लेकर वापस आ रहे हैं। जिन्होंने पहले ’पनाह’ (नसीरुद्दीन शाह, स्व.प्राण, पल्लवी जोशी और एक ढाई साल के बच्चा), बेदर्दी (अजय देवगन, नसीरुद्दीन शाह, रीना रॉय व उर्मिला मातोंडकर) जैसी प्रसिद्ध फ़िल्मे डिरेक्ट कीं और टेलिविज़न के लिए पृथ्वी राज चैहान (स्टार प्लस), जयश्री कृष्ण (कलर्ज़) व चित्तोड की रानी पद्मिनी (सोनी) को डायरेक्ट किया।

उन्होंने मुख्य सहाय के रूप में स्व.राज कुमार, स्व.राजेश खन्ना, स्व.शम्मी कपूर, धर्मेन्द्र, शशि कपूर, विनोद खन्ना, नसीरुद्दीन शाह, राज बब्बर, गोविन्दा, कबीर बेदी, गिरीश कर्नाड, कादर खान, शक्ति कपूर, अमरीश पुरी, आशा पारेख, तनुजा, स्व.नंदा, राखी, परवीन बाबी, रति अग्निहोत्री, शबाना आज़मी, रेखा, पूनम ढिल्लन, पद्मिनी कोल्हापुरे, नीलाम, श्रीया सरन जैसे कई नामी स्टार्स के साथ काम किया। फ़िल्म थोडी सी बेवफ़ाई व बुलंदी से डायरेक्शन के क्षेत्र में बतौर सहायक डायरेक्टर के रूप में शुरुआत की और,आहस्ता-आहिस्ता, झूठा सच, दिल आखिर दिल है, पिलघलता आसमान, लव-86, सूर्या, पुलिस-पब्लिक, हत्या, थोड़ा तुम बदलो थोड़ा हम में असोसीयेट डायरेक्टर रहे। इससे पहले उन्होंने फ़िल्म सम्पादन का कार्य सीखा और एक दर्जन फ़िल्मों में सह सम्पादक का कार्य किया। आपने म्यूज़िक अल्बम का डिरेक्शन भी किया। वे फ़िल्म निर्माण के सभी पहलुओं पर लेक्चर दे चुके हैं।

फ़िल्म बियाबान-द कर्स बाई वूमन, में एक ऐसी कल्पना की गई है कि अगर पृथ्वी पर औरतें समाप्त प्रायः हो जाएँगी तो सिर्फ़ मर्दों का डरावना जंगल ही रह जाएगा जिसे बियाबांन कहते हैं। कहानी में जब औरत आती है तब जीवन कितना सुखमय और बाद मे कितना नाटकीय हो जाता है इसे बड़े ही भावनात्मक तरीके से दर्शाया गया है। यह फ़िल्म मानव सभ्यता पर एक करारा तमाचा है। अगर स्त्री भ्रूण हत्या की कुरीति समाप्त नहीं की गई तो सृष्टि का निर्माण ही समाप्त हो जाएगा। यह फ़िल्म हिंदी साहित्य के प्रसिद्द लेखक पंकज सुबीर की यू॰के॰ कथा अवॉर्ड से सममानित कहानी ’दो एकांत ’पर बनाई गई है। इस फ़िल्म को अब तक 4 बेस्ट फ़िल्म के व 2 बेस्ट डिरेक्टर के पुरस्कार अंतरर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में मिल चुके हैं और 3 नोमिनेशंस मिल चुके हैं व विश्व भर के 28 समारोहों में भेजी जा चुकी है।

अवार्ड्स की लिस्ट

बेस्ट फिल्म अवार्ड कल्याण इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2016, 2. बेस्ट फिल्म विवर चॉइस अवार्ड ऐट सांगली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल 2017, बेस्ट डायरेक्टर क्रिटिक्स अवार्ड एट राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2017, बेस्ट डायरेक्टर ऐड नवी मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2017, बेस्ट फिल्म फि केशन 8 नवी मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2017 बेस्ट फीचर फिल्म आब इंटरनेशनल फिल्म फिल्म फेस्टिवल मोगा पंजाब 2017 ऑफिशियल कलेक्शन एट नासिक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल नासिक एवं लिस्ट ऑफ नॉमिनेशन बेस्ट डायरेक्टर कृष्ण कांत पांड्या बेस्ट फिल्म इन रूरल फिल्म कैटेगरी बेस्ट लिरिक्स रू पंकज सुबीर अफ़िशल सिलेक्शन नाशिक बेस्ट फ़िल्म जुरी अवॉर्ड फ़ाल्कन इंटर्नैशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल लन्दन 2017

कास्ट एंड क्रू इस फ़िल्म की पटकथा, सम्पादन और निर्देशन कृष्ण कांत पण्ड्या का है। संगीत-मनोज नयन। गीत-पंडित विश्वेश्वर शर्मा, पंकज सुबीर। डाइयलोग-पंकज सुबीर प्रडक्शन डिज़ाइनर, कोरीयोग्राफ़ी-कृष्ण कांत पण्ड्या। बैनर-इक्स्ट्रीम एंटर्टेन्मेंट। निर्माता-प्रणव तिवारी, जितेश पटेल। असोसीयट प्रडूसर-भूपेन्द्र घीया। कमेरमेन-इरफ़ान खान,इमरान अंसारी। मुख्य सहायक निर्देशक-श्रवण सुगन। पार्श्व संगीत-प्रदीप कोटनाला। पोस्ट-आइ फ़ोकस स्टूडिओ। कलाकार-(पहलीबार) यजूवेंद्रा प्रताप सिंह, किरण आचार्य। मुकुल नाग, ओमकार दास मानेकपूरी अमरीश मजूमदार, भावना, जोया, दीप, ओम, सागर तायडे, गायत्री देवी, 2 बच्चे अविनाश औटी।


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