राम मंदिर का हुआ शिलान्यास, पीएम बोले शिलाओं से जोड़ना है भाई चारे का संदेश
अयोध्याः (यूपी डेस्क) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार सुबह अयोध्या पहुंचे। हनुमान गढ़ी में पूजा करने वाले और रामलला के दर्शन करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री बन गए। उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए थे। मोदी 29 साल बाद अयोध्या आए। इससे पहले वे 1991 में अयोध्या आए थे।
तब भाजपा अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और यात्रा में मोदी उनके साथ रहते थे। मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त फैजाबाद-अंबेडकर नगर में एक रैली को संबोधित किया था, लेकिन अयोध्या नहीं गए थे। हनुमान गढ़ी में पूजा के बाद मोदी जब राम जन्मभूमि पहुंचे तो सबसे पहले रामलला के दर्शन किए। इसके बाद रामलला को साष्टांग प्रणाम किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वे मंदिर के भूमि पूजन स्थल पर पहुंचे।
वहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और बाकी अतिथि पहले से मौजूद थे। 17 लोगों के लिए बैठक व्यवस्था भी तय थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला को साष्टांग प्रणाम किया। मोदी के पहुंचते ही पूजन शुरू हुआ। यहां 2000 पवित्र जगहों से लाई गई मिट्टी और 100 से ज्यादा नदियों से लाया गया पानी रखा गया था। 1989 में दुनियाभर से 2 लाख 75 हजार ईंटें जन्मभूमि भेजी गई थीं। इनमें से 9 ईंटों यानी शिलाओं को पूजन में रखा गया। पूजन के बाद मोदी को संकल्प दिलाया गया।
पीएम मोदी ने यहां अपने संबोधन में कहा कि हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है, जब-जब राम को माना है विकास हुआ है जब भी हम भटके हैं विनाश हुआ है. सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है, सबके साथ से और विश्वास से ही सबका विकास करना है. कोरोना के कारण जैसे हालात हैं, राम के द्वारा दिया गया मर्यादा का रास्ता जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा- ’मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. ये मंदिर मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, राम सबके हैं, सब में हैं.’ इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने डाकटिकट भी जारी किया।