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West bengal

लॉक सड़कें खोल रही, “लाकडाउन“ की पोल

Posted on: Sun, 12, Apr 2020 8:20 AM (IST)
लॉक सड़कें खोल रही, “लाकडाउन“ की पोल

सिलीगुड़ी, वेस्ट बंगाल (पवन शुक्ल) वैश्विक महामारी कोरोना के प्रभाव जहां पूरी दुनिया जूझ रही है वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। इस महामारी से लड़ने के लिये केन्द्र और राज्य सरकार लगी हुई है। परंतु पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी गल्ला किराना मंडी खालपाड़ा में भारी वाहनों का जाम लगा है। वाहनों की लम्बी लाइन लाकडाउन की पोल खोल रही है। खालपाड़ा के व्यापारियों का सवाल है क्या इस अव्यवस्था के बीच कोरोना वायरस नहीं आएगा। बतातें चलें की लाकडाउन को लेकर व्यापारियों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ दिन एक एक क्षेत्र के लोगों को बाजार में प्रवेश करने से गाड़ियों का दबाव कम होता था और जाम की समस्याओं से दो चार नहीं होना पड़ता था। लेकिन विगत दो दिनों से सभी क्षेत्रों को एक साथ बुलाने के कारण आज बाजारों में हुये जाम ने लाकडाउन और शोशल डिस्टेसिंग की हवा निकाल दी।

कालाबाजारी पर नकेल नहीं

कोरोना का संकट झेल रही जनता को कालाबाजारी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ छोटे व्यापारियों का आरोप है कालाबाजारी हम लोग मार खा रहे हैं। और बड़े व्यापारी मौके का लाभ उठा रहे हैं। उदाहरण के तौर हम लोगों को बड़े व्यापारी माल नहीं दे रहे हैं और मनमानी तरीके से ग्राहकों को सीधे नकदी में अधिक मूल्य पर तेल, चावल दे रहें हैं। व्यापारियों ने कहा की मल्टीनेशनल ब्रांड के तेल के फुटकर रेट के बराबर कुछ लोकल कंपनियों का माल धडल्ले से बिक रहा है।

कारण की पूरे साल काम करने वालों व्यापारियों को माल ना देकर लोकल ब्रांड की कंपनियां व्यापरियों को सीधे नकदी में मल्टीनेशनल कंपनियों के फुटकर रेट के बराबर थोक में माल बेच रहे हैं। उदाहरण अडानी विल्मार ने बेहतर व्यवस्था के साथ कालाबाजारी रोकने के लिए फार्च्यून का कच्ची घानी एक लीटर पाउंच करीब फुटकर रेट तकरीबन 110 के आसपास निर्धारित कर दिया है, जबकि लोकल ब्रांड के सरसों तेल का थोक भाव करीब 110 से उपर में बिक रहा है।

व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़

आरोप है कि पहले कुछ दिन एक क्षेत्र के व्यापारियों को माल देने से बाजार पर दबाव कम था और ना ही जाम की समस्या थी। लेकिन इधर सभी के लिए बाजार खोलने से जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कोरोना के भय से बाजार में लोडिंग व अनलोडिंग के लेबरों की संख्या में 60 से 70 प्रतिशत कम होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार के नुमाइंदों ने इस शर्त के साथ 6 दिन मार्केट खोलने को कहा था की सभी बाजारों को पूरी तरह से सेनेटराईज किया जाएगा और सभी व्यापारियों का चेकअप किया जाएगा, परंतु दोनों बातें अभी अधूरी है...? क्या इस मंडी में कोरोना नहीं आएगा...?




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