देवरिया जिले में फर्जी शिक्षकों पर लटक रही तलवार
देवरिया, ब्यूरो (बीके पाण्डेय) उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षकों को जेल भेजने का सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया है। इस बार दर्जन भर शिक्षकों व बीएसए कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी समेत 17 लोगों के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इसमें बीएसए कार्यालय के कुछ रसूखदार कर्मचारी भी हैं।
इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सोनकर ने शनिवार को बताया कि गोरखपुर के एसटीएफ के इंस्पेक्टर की तहरीर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि देवरिया जिले के कुछ परिषदीय विद्यालयों में बड़े पैमाने पर कूट रचित फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे शिक्षकों की नियुक्ति कुछ वर्ष पूर्व हुई थी। पिछले कई वर्षों से गोरखपुर एसटीएफ फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर हुई नियुक्तियों की जांच कर रही है। एसटीएफ ने अभी तक की दर्जन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार एसटीएफ की जांच में बीएसए कार्यालय के कर्मचारी व व लेखाधिकारी फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर जरूरत से ज्यादा मेहरबान थे। जिन्होंने फर्जी सत्यापन के आधार पर ही संदिग्ध शिक्षकों के वेतन का भुगतान कर दिया। वहीं डिस्पैच में भी कूट रचित कर तिथि अंकित की गई थी। जांच शुरू हुई तो आफिस रिकॉर्ड के कुछ पन्ने भी फाड़ दिए। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार की देर शाम सदर कोतवाली में तहरीर दी। कोतवाली पुलिस ने मामले में बीएसए कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी तथा लिपिकों सहित अध्यापकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। अपर पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।