विकास दूबे का किला जमींदोज कर रही पुलिस
लखनऊः जितना भयानक अपराध उतने भयानक नतीजे। शायद अपराध की दुनियां पर भरोसा करने वालों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यही सबक देना चाहती है। साजिश के तहत डीएसपी समेत 8 पुलिस जवानों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाले विकास दूबे को ढूढ़ निकालने में पुलिस एड़ी चोटी एक कर रही है। लेकिन 36 घण्टे बाद भी पुलिस हाथ खाली हैं। विकास दूबे को पकड़ने के लिये एसटीएफ की 8 और पुलिस की 100 टीमें लगाई गयी हैं। यूपी की सीमायें सील हैं। शनिवार को सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुये कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में स्थित कुख्यात बदमाश विकास दूबे के किले को जमींदोज कर दिया।
जिस जेसीबी की आड़ लेकर उसके साथियों ने पुलिस पर गोलियां चलाई थी उसे भी नही बख्शा गया। ट्रैक्टर ट्राली, घरेलू सामानों और लग्जरी वाहनों का अस्तित्व पल भर में मिटा दिया गया। विकास के पास 100 करोड़ की सम्पत्ति होने का अनुमान है। विकास के परिवार में पत्नी, दो बच्चे, मां बाप और मामा हैं। शुक्रवार को पुलिस ने मुठभेड़ में मामा समेत दो को मार गिराया है। लखनऊ में रह रही विकास की मां ने कहा उसका एनकाउण्टर कर दो मुझे दुख नही होगा। उसका बड़ा बेटा इग्लैंड में रहकर एमबीए करता है और छोटा कानपुर में इण्टर का छात्र है। विकास का एक भाई है जो लखनऊ में मां के साथ रहता है।
दरअसल पुलिस का गुस्सा स्वाभाविक है। चंबल के बीहड़ों में भी ऐसी कहानियां नही सुनी गयीं जहां पुलिस को इस तरह घेरकर एक के बाद एक पूरी टीम को मौत के घाट उतार दिया गया हो। कुख्यात से कुख्यात बदमाश हर परिस्थिति में पुलिस की घेराबंदी तोड़कर भागना चाहता है। लेकिन ताजा मामले में पुलिस को घेरकर टीम पर गोलियां चलाई गयीं। इससे दो बातें साफ हैं या तो विकास दूबे और उसके साथियों की जानकारी में पुलिस का कोई ऐसा कृत्य हो जिसके बदले में इतना खौफनाक कदम उठाया गया, दूसरा पुलिस महकमे की गद्दारी। दोनो की संभावनायें प्रबल है।
मामला कुछ भी हो, घटना को बिना राजनीति का रंग दिये योगी सरकार को चाहिये कि वह कुख्यात विकास दूबे को जिंदा पकड़वाने का प्रयास करे। ऐसा करने से बहुत सारे रहस्यों से परदा उठेगा। खास तौर से राजनीति का घटिया चरित्र जनता के सामने आयेगा जिससे यह पता चल सके पुलिस नेता और अपराधी की गठजोड़ से कोई विकास दूबे पैदा होता है। विकास दूबे के मकान और वाहनों को बड़ी बेरहमी से पुलिस नेस्तनाबूत कर रही थी। सवाल ये है कि उत्तर प्रदेश में ऐसे अनेक विकास दूबे हैं, जो आम जनता में भय का पर्याय बने हैं। क्या उन्हे चिन्हित करके योगी सरकार उनके खिलाफ कार्यवाही करेगी ?