सैकड़ों आखें रोक नहीं पायी अपने आंसू
मेरठ: कर्ज में डूबे एक परिवार के पांच सदस्यों ने एक साथ सुसाइड कर लिया, जिनका आज अंतिम सस्ंकार किया गया। पूरे परिवार की एक साथ चिता जलते देख वहां के लोग अपने आंसू नही रोक पाये। सुसाइड करने से पहले घर के सदस्य विनीत अरोड़ा ने सुसाइड नोट लिखा था कि अंतिम संस्कार में सभी रिश्तेदार शामिल हों, लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान महज कुछ ही लोग मौजूद थे। पुलिस ने 6 अक्टूबर को मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए थे। रविवार को पुलिस पांचों शवों को पोस्टमॉर्टम हाउस से सूरजकुंड स्थित शमशान घाट कैंटर में ले आई। श्मशान घाट के बाहर ही कर्मकांड कराने वाले पंडि़त ने एक-एक कर पांचों अर्थियों का सजाया। उसके बाद जब अर्थी को कंधा देने की बारी आई तो व्यापारी परिवार अरोड़ा का कोई रिश्तेदार सामने नहीं आया, बिना कंधा दिए ही अंदर श्मशान घाट पर ले जाया गया। उनके रिश्तेदार जितिन ने पांचों शवों को एक-एक कर मुखाग्नि दी। जब एक साथ शमशान में पांच चिताएं जलीं तो एक साथ सैकड़ों आखें डबडबा गयीं। वहीं लोग यह भी कह रहे थे कि सरकारों के विकास के दावों की इससे बड़ी सच्चाई क्या होगी। कर्ज में डूबे लोगों द्वारा आत्महत्या किया जाना प्रदेश सरकार पर एक बदनुमा दाग है।