पुलिस सजग रहती तो उदयपुर की घटना नही होती
नेशनल डेस्कः उदयपुर में हुये रोंगटे खड़े कर देने वाले कन्हैयालाल साहू हत्याकांड में के बर्बर हत्याकांड में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। मृतक के परिजनों ने कहा अगर पुलिस समय रहते उसकी शिकायत पर कार्रवाई करती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट के बाद से ही उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं। कन्हैयालाल को आशंका थी कि उसकी हत्या हो जाएगी।
लोग सोशल मीडिया पर कह रहे थे इसे जान से मार दो। 15 जून को धानमंडी थाने में कन्हैयालाल ने शिकायत की थी। छह दिन तक डर के मारे उसने दुकान भी नहीं खोली। दूसरी ओरचौतरफा निंदा झेल रही पुलिस का दावा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सहमति बन गई थी। दरसअल, इस विवाद की शुरुआत कन्हैयालाल की एक डीपी से हुई। बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की डीपी लगा रखी थी। इस पर उसे धमकियां मिलने लगीं। पुलिस को 15 जून को दिये शिकायत में उसने बताया था, ’करीब 6 दिन पहले मेरे बेटे से मोबाइल पर गेम खेलते हुए कुछ पोस्ट हो गया था। इसकी जानकारी मुझे नहीं थी।
पोस्ट और डीपी लगाने के दो दिन बाद दो लोग मेरी दुकान पर आए। मोबाइल की मांग की। बोले आपके मोबाइल से आपत्तिजनक पोस्ट डाली गई है। मैंने कहा कि मुझे मोबाइल चलाना नहीं आता है। मोबाइल से मेरा बच्चा गेम खेलता है। उसी से हो गया होगा। इसके बाद पोस्ट भी डिलीट कर दी गई थी। उन लोगों ने कहा कि आइंदा से ऐसा मत करना।’ फिलहाल धमकियां मिलती रहीं और पुलिस सोती रही। अंततः इतनी बड़ी घटना घट गई। खबर ये भी आ रही है कि कन्हैयालाल ने स्वयं लिखकर पुलिस को दिया था कि वह कोई कानूनी कार्यवाही नही चाहता। चूंकि हत्यारों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धमकी दिया था इसलिये अब इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। हत्यारोपी गिरफ्त में हैं, कड़ी पूछताछ जारी है। इलाके में इण्टरनेट सेवायें बंद हैं, पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।