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मिलिट्री इंटेलिजेंस के भरोसे अयोध्या पुलिस, खुलासों में अहम योगदान, खुफिया तंत्र पर भी सवाल

Posted on: Fri, 04, Jun 2021 4:44 PM (IST)
मिलिट्री इंटेलिजेंस के भरोसे अयोध्या पुलिस, खुलासों में अहम योगदान, खुफिया तंत्र पर भी सवाल

अयोध्या U.P. (प्रभाकर चौरसिया) अयोध्या पुलिस की क्राइम ब्रांच एवं थाना कैंट की टीमों ने मिलेट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर बड़ी कारवाई करते हुये सेना और अर्द्वसैनिक बल सहित अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलवाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अयोध्या पुलिस को यह सफलता भी मिलिट्री इंटेलिजेंस की सक्रियता के कारण ही मिल सकी।

अयोध्या के रहने वाले एक शख्श की शिकायत पर सक्रिय हुई मिलेट्री इंटेलिजेंस ने मामले को खंगाला और तह तक जाकर सारे साक्ष्यों को इकटठा करने के बाद इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी जिस पर कारवाई करते हुये एस ओजी और कैंट पुलिस की टीम ने 7 ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की जो भोले भाले लोगों को नौकरी देने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करके ठगी का शिकार बनाते थे। अयोध्या के एस एसपी शैलेश पांडे ने इसपूरे प्रकरण का खुलासा करते हुये बताया कि ठगी का शिकार बने अयोध्या के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना जनपद पुलिस को दी जिसके बाद अयोध्या पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए बड़ा खुलासा किया है।

एसएसपी शैलेश पांडे के मुताबिक सभी आरोपियों को कैंट थाना क्षेत्र के गुप्तार घाट के पास से गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी मथुरा अलीगढ़ प्रयागराज दिल्ली व राजस्थान के रहने वाले हैं। राजस्थान में आरोपियों के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं। जिस पर अयोध्या पुलिस राजस्थान पुलिस के सम्पर्क में है। गिरफ्तार किए गए संतोष कुमार, ओम प्रकाश प्रजापति, राकेश कुमार, अभिषेक, अजीत प्रसाद, अनिल कुमार व विनोद मौर्या शामिल है इनके पास से एक कार, सेना अर्धसैनिक बल व अन्य सरकारी विभागों की काफी मात्रा में कूट रचित व फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं।

इसके साथ ही 10 राजपत्रित अधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र की कूट रचित प्रति भी बरामद हुई है।फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र विभिन्न विभागों के फर्जी प्रवेश पत्रों के साथ-सथ फर्जी फिजिकल टेस्ट प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए हैं। जनपद में मिलैट्री इंटेलिजेंस लगातार आपराधिक मामलों का खुलासा कर रहा है। यह पुलिस की निष्क्रियता का सबूत हैं। पुलिस के खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठने शुरू हो गये हैं। अभी हाल में ही अवैध शराब बनाने की बड़ी फैक्ट्री पकड़े जाने का मामला सामने आया था, पुलिस की नाक के नीचे यहां शराब बनती थी और कई राज्यों में भेजी जाती थी।

खुलासा हुआ लेकिन मिलिट्री एंटेलीजेंस और एसटीएफ को इसका श्रेय मिला। अयोध्या पुलिस की खूब किरकरी हुई। लगभग एक पखवारे पहले फैजाबाद शहर के नगर कोतवाली से एक किमी की दूरी पर चल रहे समर्पण अस्पताल में कोरोना मरीजों से आक्सीजन की कीमत 5,000 रुपया प्रति घंटा वसूले जाने के साथ साथ रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजरी की भी शिकायत मिली थी। ऐसे तमाम खुलासे सिर्फ इसलिये हो पाये क्योंकि इसके लिये मिलेट्री इंटेलिजेंस की टीम ने सक्रिय होकर सभी मामलों की तह तक खंगालने के बाद जिला पुलिस को सूचना दी थी। इसके बाद जिला पुलिस के थाने ओर क्राइम ब्रांच की टीमों ने कारवाई की थी।




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