एसबीआई की राघव नगर देवरिया शाखा में कर्मचारियों की मनमानी
देवरिया (ओपी श्रीवास्तव) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा राघव नगर देवरिया में मंगलवार को दोपहर एक बजे दो हजार रूपए नकद बैंक खाता में जमा करने एक अधिवक्ता गए थे। वहां काउंटर नम्बर आठ पर बैठी महिला ने यह कहकर कि दो हजार रुपए यहां नहीं जमा होता है, बीस हजार रुपए से अधिक की रकम जमा होती है, आप बाहर जाकर ग्राहक सेवा केंद्र में जमा करिए।
रूपए जमा करने से इंकार कर दिया। जब अधिवक्ता ने इसकी शिकायत बैंक के चीफ मैनेजर से की तो चीफ मैनेजर ने अधिवक्ता से कहा कि आप 11 नम्बर काउंटर पर जाकर जमा कर दीजिए। जब अधिवक्ता 11 नम्बर काउंटर पर गया तो वहां पर बैठे कर्मचारी ने कहा कि आप 8 नंबर काउंटर पर ही जाकर जमा कर दीजिए। मैं उनको बोल दे रहा हूं। अधिवक्ता जब पुनः 8 नम्बर काउंटर पर गया तो वहां बैठी महिला नाराज हो गई और अप शब्द का प्रयोग करने लगी। अधिवक्ता पुनः चीफ़ मैनेजर के कमरे में गया तो चीफ मैनेजर कहीं जा चुके थे। बाद में बड़ी मुश्किल से दो हजार रूपए बैंक में जमा हो पाया।
सवाल बैंक के कर्मचारियों से नहीं सीधे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी से है। क्या आपके बैंकों में काम काज करने का यही तरीका है मोदी जी ? यदि नहीं तो इस तरह के बैंक कर्मचारी आपकी छवि और प्रतिष्ठा को दाग लगाने का काम करते हैं। ऐसे सरकारी कर्मचारियों से सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि व्यक्ति बैंक में लोन लेने नहीं अपितु रूपए जमा करने गया था। तब उसके साथ इस तरह का व्यवहार बैंक कर्मचारियों ने किया। यदि कोई लोन लेने जाता है तो उसके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है और कितना दौडाया जाता है इसका सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है। फोटो काल्पनिक