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हार्दिक पटेल होंगे गुजरात के नये नेता, मुश्किल में बीजेपी

Posted on: Fri, 21, Aug 2015 12:34 PM (IST)
हार्दिक पटेल होंगे गुजरात के नये नेता, मुश्किल में बीजेपी

गांधीनगर: (नवभारत टाइम्स) राज्य सरकार को बेचैन करने से जुड़ा एक कदम अब गुजरात भर में एक बड़े आंदोलन के रूप में फैल गया है। राज्य के हर कोने से पट्टीदार (पटेल) सड़कों पर उतर रहे हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। पिछले करीब दो महीनों से गुजरात के अलग-अलग शहरों में रोजाना रैलियां आयोजित की जा रही हैं, जिसमें समुदाय के लाखों लोग शामिल हो रहे हैं।

आगामी 25 अगस्त को एक बहुत बड़ी रैली आयोजित करने की योजना है, जिसने राज्य सरकार की घबराहट बढ़ा दी है। राज्य सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि पट्टीदारों ने राजस्थान में गुर्जरों से संपर्क किया है। पट्टीदार अमानत आंदोलन समिति (पीएएएस) के सदस्यों के मुताबिक वह गुर्जरों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे हैं। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला अहमदाबाद में होने वाली रैली को संबोधित कर सकते हैं। हालांकि, बैंसला ने गुरुवार को इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि वह रैली में शामिल होंगे या नहीं, इस पर अभी फैसला किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा, श्मैं किसी खास समुदाय या दूसरों के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन हमारा समर्थन उन लोगों को है जिन्हें आरक्षण की सख्त जरूरत है।श् इस बीच, पट्टीदार अहमदाबाद में अपने समुदाय के करीब 20-25 लाख लोग जुटाने की तैयारी में हैं और इसके लिए उन्होंने 15,000 वॉलंटियर्स को काम में लगाया है। राज्य सरकार ने अलग-अलग समुदायों के साथ बातचीत करने के लिए हेल्थ मिनिस्टर नितिन पटेल की अगुवाई में एक सात सदस्यीय कमिटी बनाई थी।

कमेटी ने इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल समेत चुनिंदा पट्टीदार नेताओं के साथ ही बातचीत की थी। सरकार के इस काम ने पट्टीदार समुदाय को और ज्यादा नाराज कर दिया और कई लोगों ने आरोप लगाया कि इस संकट से निकलने के लिए राज्य सरकार फूट डालने की कोशिश कर रही है। धारी से बीजेपी विधायक नलिन कोटड़िया ने कहा है कि अगर सरकार किसी सौहार्दपूर्ण समाधान तक नहीं पहुंचती है तो वह पार्टी छोड़ देंगे। कोटड़िया ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की बनाई गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) के बैनर तले चुनाव लड़ा था, जिसका बाद में बीजेपी के साथ विलय हो गया।




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