देवरिया अस्पताल में जीवनरक्षक दवाओं में हो रहा है खेल
देवरिया ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव) उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित जिला अस्पताल में वैसे तो दवाओं की भारी किल्लत है लेकिन डॉक्टरों और कंपाउंडरो की मिलीभगत से जरूरी और जीवन रक्षक दवाओ के मामले में भारी खेल हो रहा है। जिससे लोगों की जान पर बन आई है। ऐसा ही एक मामला 16 सितंबर को सामने आया है।
जब खुखुंदू थाना अंतर्गत ग्राम बरडीहा लाला के रहने वाले मोहम्मदउद्दीन पुत्र रुस्तम उम्र करीब तीस साल को एक जहरीले सर्प ने शाम को करीब 6ः00 बजे काट लिया। बताया जाता है कि आनन-फानन में लोग मोहम्मदउद्दीन को देवरिया जिला अस्पताल के इमरजेंसी में शाम को करीब सात बजे लेकर आए। बताया जाता है कि उस समय वहां उपस्थित डॉक्टर और फार्मासिस्ट ने बाहर से कुछ इंजेक्शन मंगा कर मरीज को लगा दिया। लेकिन जब मरीज की हालत खराब होने लगी और परिजनों ने पूछा तो डॉक्टर और कंपाउंडर ने यह कह कर कि सांप के काटने का इंजेक्शन यहां पर उपलब्ध नहीं है मरीज को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया।
गोरखपुर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। परंतु अगले दिन जब जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर छोटेलाल से शिकायत की गई कि आपके अस्पताल में सर्प काटने का इंजेक्शन नहीं है तो उन्होंने इस शिकायत को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जिला अस्पताल में 200 सर्प काटने के इंजेक्शन मौजूद हैं और जो भी कंपाउंडर या डॉक्टर यह कह रहा है वह सरासर झूठ बोल रहा है। जब सीएमएस से 16 तारीख की घटना का जिक्र किया गया तो उन्होंने इस घटना पर अफसोस जाहिर किया। सवाल यह उठता है कि यदि जिला अस्पताल में सर्प काटने के इंजेक्शन मौजूद है तो फिर इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर और कंपाउंडर मरीजों को क्यों नहीं इंजेक्शन लगाते हैं। उधर मृतक मोहम्मदउद्दीन के घर वालों ने पूरे प्रकरण की जानकारी जिलाधिकारी और सीएमओ को देते हुए इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।