भारत रसायन कंपनी के ब्वायलर में हुआ धमाका, 1 की मौत 19 जख्मी
भरुच, गुजरातः (बीके पाण्डेय) वागरा तहसील के सायखा जीआईडीसी में स्थित भारत रसायन कंपनी में मंगलवार की दोपहर को बोईलर में हुए धमाके के बाद लगी आग की ज्वाला को दमकल कर्मचारियों ने मंगलवार की देर रात को बुझाने में सफलता हासिल की। आग से जले उन्नीस लोगो का इलाज जारी है जबकि मंगलवार की देर रात को इलाज के दौरान एक कर्मचारी की मौत हो गई।
भरुच के जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा ने बताया कि आग लगने के प्रकरण की अलग अलग सरकारी एजेंसियो की ओर से जांच शुरु कर दी गई है। आग लगने के कारण की जांच के साथ घायलों को यथासंभव इलाज मिल सके इस पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। आग लगने की घटना में बीस लोग घायल हुए हैं। भरुच जिले के दहेज जीआईडीसी में आने वाले सायखा जोन में स्थित भारत रसायन कंपनी में मंगलवार की दोपहर को लगी आग पर देर रात को काबू कर लिया गया. जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा ने कहा कि प्रचंड धमाके के साथ लगी आग में कुल बीस लोग घायल हुए थे जिनका इलाज भरुच के अलग अलग अस्पताल में हो रहा है।
घटना में घायल एक कर्मचारी की देर रात को इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना की वजह पता लगाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि भरुच जिले में औद्योगिक दुर्घटनाओं की घटनाएं चिंता जनक स्तर पर बढ़ रही है व इसे देखते हुए कर्मचारियों के लिए असुरक्षित वातावरण दिख रहा है। भरुच जिले में पिछले एक माह में ही औद्योगिक इलाके में आग लगने की पांच बड़ी घटनाओं से कर्मचारियों में चिंता व्याप्त हो गई है। उधर आग लगने की घटना की जानकारी भारत रसायन कंपनी की ओर से स्टाक एक्सचेंज को भी दी गई। कंपनी की ओर से स्टाक एक्सचेंज की फाईलिंग में आठ से दस लोगो के घायल होने की जानकारी बाम्बे स्टाक एक्सचेंज बीएसई को दी गई।
आग लगने के बाद कंपनी का पूरा प्लांट मलबे में तब्दील हो गया था। आसपास के गांव के लोग धमाके की आवाज को भूल नही पा रहे हैं। काफी दिनों के बाद फायर विभाग की ओर से मेजर काल जारी किया गया था जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आग कितनी विकराल थी व स्थिति कितनी खतरनाक थी। दमकल व ऐम्बुलेंस के वाहनों के सायरन से आपातकाल वाली स्थिति का निर्माण हो गया था। प्रेट्रोकेमिकल हब दहेज में गर्मी का तापमान 41 डिग्री पार होने से केमिकल का तापमान नियंत्रित नही हो पाने से आये दिन होते रहते हैं धमाके।
जिले के प्रेट्रोकेमिकल हब दहेज में गर्मी 41 डिग्री से ज्यादा होने व केमिकल का तापमान नियंत्रित नही हो पाने से आये दिन कंपनियों में धमाका होता रहता है। कंपनियो के संचालकों की लापरवाही से किसी दिन दहेज की धरती ब्लास्ट से गूंज उठेगी व बड़ी जनहानि को होने से इंकार नही किया जा सकता है। गर्मी बढऩे से विविध कंपनियों में रखा गया खतरनाक रसायन गर्मी के कारण भभकने लग जाता है। आग लगने की घटनाएं गर्मी के मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है। औद्योगिक गढ़ माने जाने वाले भरुच जिले में अंकलेश्वर,पानोली.झगडिया,दहेज सहित की विविध जीआईडीसी में रंग रसायन व प्रेट्रोकेमिकल के साथ दवाओं का उत्पादन करने वाली अनेक कंपनिया स्थित है।
गर्मी में बढ़ जाती है आग लगने की घटना
डीपीएमसी के मैनेजर मनोज कोटडिया ने कहा कि प्रेट्रोकेमिकल काफी तेजी से आग पकड़ लेता है। इस कारण गर्मी में कंपनियों में आग लगने की घटना घटित होती रहती है। एैसी स्थिति में फ्लैश पोईन्ट करने की काफी ज्यादा आवश्यक्ता होती है। प्रत्येक केमिकल में उसके गुण धर्म के हिसाब से अलग फ्लैश पोईन्ट होता है वहीं गर्मी का पारा 36 डिग्री के पार जाने पर केमिकल के तापमान में परिवर्तन होने के साथ आग लगने का खचरा ज्यादा हो जाता है।
वातावरण रखना ठंडा चाहिए
एग्रो इंडस्ट्रीज के साथ जुड़े एक केमिकल एक्सपर्ट ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि गर्मी का पारा हर साल बढ़ ही रहा है। खास करके ज्वलनशील केमिकल जिनका वाष्पीभवन तेजी से होता है उन पर नजर रखनी चाहिए। प्लांट में ठंडा वातावरण बनाकर केमिकल से लगने वाली आग को काफी हद तक रोका जा सकता है। ठंडा वातावरण होने से वाष्पीकरण रुकेगा साथ ही साथ सूर्य का सीधा प्रकाश भी केमिकल पर नही पड़ेगा। प्रतीकात्मक फोटो