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Delhi

एक और निर्भया हार गई जिंदगी की जंग

Posted on: Tue, 29, Sep 2020 9:43 AM (IST)
एक और निर्भया हार गई जिंदगी की जंग

नई दिल्‍लीः हाथरस गैंगरेप पीड़िता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई. चार हैवानों ने 19 साल की महिला से गैंगरेप कर उनकी जीभ काट दी थी। गंभीर रूप से घायल पीड़िता को पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था. बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दिल्‍ली एम्स रेफर कर दिया गया था। हाथरस में गैंगरेप की यह घटना तकरीबन 15 दिन पहले हुई थी।

हाथरस पुलिस ने अब तक इस मामले में संदीप, रामकुमार, लवकुश और रवि नाम के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। चारों ही तथाकथित उच्च जाति के है। दलित संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लीपापोती करने की कोशिश की। पहले सिर्फ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया। एक ही व्यक्ति को अभियुक्त बनाया गया। दस दिनों तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया। परिवार के मुताबिक, 14 सितंबर को सुबह-सुबह पीड़िता, उसका बड़ा भाई और मां गांव के जंगल में घास काटने गए थे।

जब घास की एक गठरी बंध गई तो बड़ा भाई उसे लेकर घर चला आया। मां और बेटी खेत में अकेले रह गए। मां आगे घास काट रही थी। बेटी पीछे कुछ दूर उसे इकट्ठा कर रही थी। इसी दौरान चारों अभियुक्तों ने पीड़िता के गले में पड़े दुपट्टे से उसे बाजरे के खेत में खींच कर उसके साथ गैंगरेप किया। उस दिन की घटना के बारे में पीड़िता का भाई बताता है, ’मां ने बहन को आवाजें दी तो उसका कोई जवाब नहीं आया। पहले उन्हें पानी देने के लिए बनाई गई मेढ़ में उसके चप्पल दिखे, फिर बाजरे के टूटे पौधे दिखे तो वो खेत में अंदर गईं।

बीस मीटर भीतर वो बहुत ही बुरी हालत में बेहोश पड़ी हुई थी। मां चिल्लाई तो कुछ बच्चे आए, उन्होंने उन्हें तुरंत लोगों को बुलाने और पानी लाने भेजा। बच्चे मेढ़ में भरा पानी पॉलीथीन में भरकर लाए। वो उसके मुंह पर डाला लेकिन उसे होश नहीं आया।’ वो बताते हैं, मेरी मां और भाई उसे तुरंत थाने गए और तहरीर दी। तब तक ये नहीं पता था कि किसने हमला किया है। कितने लोग थे और उसके साथ क्या हुआ है। पीड़िता के पिता बताते हैं, ’वो दरिंदे खेत के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन मेरी बेटी और पत्नी उनके इरादे को भांप नहीं पाए। उन्होंने मेरी बेटी को घात लगाकर शिकार बनाया। उन्हें किसी का डर नहीं था।




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