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सवा सौ करोड़ देशवासियों की आस्था पर गहरी चोटः राममंदिर में हुये घोटाले से घिरी सरकार

Posted on: Sun, 13, Jun 2021 11:33 PM (IST)
सवा सौ करोड़ देशवासियों की आस्था पर गहरी चोटः राममंदिर में हुये घोटाले से घिरी सरकार

अयोध्या U.P. (प्रभाकर चैरसिया) राममंदिर के जिम्मेदारों ने सवा करोड़ देशवारियों की आस्था पर इतनी गहरी चोट दी है कि इसे भुलाया नही जा सकता। राममंदिर को लेकर बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जिम्मेदार मीडिया के सवालों का सामना करने की बजाय भागते नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर विपक्ष ने हमला तेज कर दिया है।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और सपा नेता पवन पाण्डेय लगातार ट्रस्ट के जिम्मेदारों को घेरने में जुटे हैं। यदि यह बात सच साबित हुई तो उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। मामला कुछ यूं है कि 18 मार्च 2021 को राममंदिर के लिये एक जमीन का 2 करोड़ रूपये पर एग्रीमेण्ट किया गया। ठीक दस मिनट बाद इसी जमीन का दूसरा एग्रीमेन्ट साढ़े 18 करोड़ में किया गया। सवाल ये है कि एक ही जमीन की कीमत महज 10 मिनट बाद साढ़े 16 करोड़ कैसे बढ़ जायेगी। जबकि इसकी मालियत 5 करोड 80 लाख लगाई गयी है। हैरानी की बात ये है कि जमीन के एग्रीमेन्ट मे अयोध्या के महापौर और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनिल मिश्रा ने गवाही की है।

इससे भ्रष्टाचार और बहुत बड़े घोटाले की बू आती है। स्थिति साफ होनी चाहिये कि इमना बड़ा घोटाला आखिर किसे लाभ पहुंचाने के इरादे से किया गया। मामला सवा सौ करोड़ देशवासियों की आस्था से जुड़ा है, इसलिये यदि सच सामने नही आया तो भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। साढ़े 16 करोड़ के खेल को लेकर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने सीधे तौर पर कुछ कहने से मना कर दिया। मीडिया से कहा कि ट्रस्ट की बैठक के अलावा कोई और सवाल पूँछेगे तो मैं चला जाऊंगा लेकिन बार बार कुरेदने पर उन्होंने कहा कि आरोप तो महात्मा गांधी की हत्या का भी हम पर लगा।

आरोप तो हम पर लगते रहते हैं। 100 वर्षो से हम यही देखते आ रहे हैं। हम लोग आरोप की चिंता नही करते। जब उनसे पूंछा गया कि पेपर एविडेन्स के साथ आरोप लगा है तो कहा कि हां मैं मानता हूँ मैं तैयार हूँ अध्ययन करूँगा तब कुछ बोलूंगा। वंही ट्रस्ट के सदस्य और आरोपों के घेरे में सीधे तौर पर आए अनिल मिश्रा सवाल पूंछने पर भागते हुये नजर आये। मीडिया से पीछा छुडाते हुये गाड़ी में बैठे और चले गये। वही राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी हो या हनुमानगढ़ी के महंत सभी एक स्वर से कहते हैं की यह मामला राम और राम भक्तों से जुड़ा हुआ है इसलिए बहुत गंभीर है इस मामले की जांच होनी चाहिए।

इसमें कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन अगर आरोप गलत है तो जिसने भी इस तरह के आरोप लगाए हैं उसके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन सबसे पहले इस मामले की जांच होनी चाहिए। महंत राजू दास ने कहा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने वित्तीय अनियमितता को लेकर जो आरोप लगाया है यह बड़ा आरोप है। मैं यह मांग करता हूं इसकी उच्च स्तरीय जांच हो। इस जांच में जो दोषी पाए जाएं उनको बख्शा ना जाए। लेकिन अगर संजय सिंह के आरोप गलत पाये जाते हैं तो मैं राजू दास उन पर 50,000 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा करूंगा।

क्योंकि हिंदू जनमानस का पैसा है किसी एक व्यक्ति का पैसा नहीं है। भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने ये पैसा दान दिया है। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं पहले तो संभव नहीं है रामलला के लिए जो ट्रस्ट बना है वह इस प्रकार का कोई घोटाला करेगा। जांच होने पर ही पता चलेगा क्या सच है क्या झूठ। लेकिन जो लोग गलत तरीके से आरोप लगा रहे हैं वे यह समझ लें कि यह रामलला का अपमान है। पहले मामले की जांच हो यदि यह बात सही है तो उस पर कार्यवाही हो अगर नहीं है तो जो लोग आरोप लगाए हैं उनके ऊपर कारवाई किया जाए। सच्चाई जांच के बाद सामने आयेगी लेकिन यह सच है मामले को लेकर एक बार फिर राममंदिर विवादों में आ गया है और इस बार चोट किसी और को नही सवा सौ करोड़ देशवासियों की आस्था पर लगी है जिसकी भारी कीमत भाजपा को चुकानी पड़ सकती है।




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