• Subscribe Us

logo
26 अप्रैल 2024
26 अप्रैल 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
Chandigarh

पीजीआई चंडीगढ़ में भी किया जाएगा ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन ’कोविशील्ड’ का ट्रायल

Posted on: Tue, 04, Aug 2020 10:51 PM (IST)
पीजीआई चंडीगढ़ में भी किया जाएगा ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन ’कोविशील्ड’ का ट्रायल

चंडीगढ (अभिषेक सिंह) पीजीआई चंडीगढ़ के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के ट्रायल के लिए देशभर में 17 संस्थानों को चुना गया है। इसमें पीजीआई चंडीगढ़ भी शामिल है। भारत में पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से बनाई जा रही इस वैक्सीन का ट्रायल देशभर के चुनिंदा संस्थानों में किया जाएगा।

इसमें पीजीआई चंडीगढ़ के अलावा दिल्ली स्थित, पुणे स्थित एबीजे मेडिकल कॉलेज, पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस), जोधपुर में एम्स, गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित नेहरू अस्पताल, विशाखाट्टनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज और मैसूर में जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च शामिल हैं।

पीजीआई में इस प्रोजेक्ट की प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर व कम्यूनिटी मेडिसिन की डॉ. मधु ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर किए जा रहे शोध में इस ट्रायल के परिणाम के बाद ही कोरोना के इलाज की सफलता को आंका का जा सकेगा। पीजीआई ने इसके लिए अनुमति दे दी है। इसके बाद इसका प्रपोजल बनाकर पीजीआई की एथिकल कमेटी को भेजा गया है। उम्मीद है जल्द ही कमेटी इसका अप्रूवल दे देगी। इसके बाद इसका ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा

पीजीआई पहले करेगा सिक्योरिटी ट्रायल

डॉ. मधु ने बताया कि ऑक्सफोर्ड में वैक्सीन का सिक्योरिटी ट्रायल पूरा किया जा चुका है लेकिन पीजीआई में ट्रायल के दौरान सबसे पहले सिक्योरिटी फेज को पूरा किया जाएगा। इसके बाद ही वैक्सीन का ह्युमन ट्रायल शुरू होगा। उसके लिए एथिकल कमेटी से अप्रूवल मिलने के बाद विज्ञापन जारी किया जाएगा। रुचि रखने वाले वॉलिंटियर्स को पीजीआई मेडिकल चेकअप के बाद ट्रायल में शामिल करेगा। ट्रायल में शामिल होने वाले व्यक्ति की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए। उसका स्वस्थ होना और कोरोना संक्रमित न होना बेहद जरूरी है।

ट्रायल से पहले वॉलंटियर के सारे मेडिकल चेकअप किए जाएंगे। रिपोर्ट मानक के अनुरूप आने के बाद ही उसे ट्रायल में शामिल किया जाएगा। उसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाया जाएगा और लगातार फॉलोअप किया जाएगा। उन लोगों को अलग से डायरी दी जाएगी, जिसमें उन्हें महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट करना होगा जिसे बाद में पीजीआई अपने ट्रायल की रिपोर्ट में शामिल करेगा। ट्रायल के दौरान यह चेक किया जाएगा कि वैक्सीन देने के बाद उन लोगों में एंटीबॉडी बन रही हैं कि नहीं। डॉ. मधु ने बताया कि इसमें पॉजिटिव मरीजों को इसलिए शामिल नहीं किया जा रहा है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो चुके मरीजों में खुद ही एंटीबॉडीज बन चुकी होंगी।

300 लोगों की होगी स्क्रीनिंग

ट्रायल को शुरू करने से पहले वालेंटियर्स के चयन के लिए 300 लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। उनमें से 250 लोगों को चुना जाएगा। डॉ. मधु ने बताया कि अगस्त के अंत तक इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। ट्रायल पूरा होने में 6 महीने का समय लगेगा। कोरोना के वैक्सीन के ट्रायल के लिए पीजीआई को चुना जाना गौरव की बात है। इस दायित्व को पीजीआई पूरी निष्ठा से पूरा करेगा। देशभर के 17 संस्थानों में 1,600 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। यूके में प्रथम चरण परीक्षणों के परिणाम संतोषजनक रहने के बाद मानव आबादी पर चरण 2 और 3 का परीक्षण किया जाएगा।- प्रो. जगतराम, डायरेक्टर, पीजीआई




ब्रेकिंग न्यूज
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।