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हरस्यमय तरीके से बीएसए दफ्तर से डिस्पैच रजिस्टर गायब, कइयों पर लटक रही तलवार

Posted on: Wed, 21, Jul 2021 6:50 PM (IST)
हरस्यमय तरीके से बीएसए दफ्तर से डिस्पैच रजिस्टर गायब, कइयों पर लटक रही तलवार

देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव) बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय देवरिया से लगभग एक दर्जन डिस्पैच रजिस्टर सनसनी खेज और आश्चर्यजनक तरीके से गायब हो गए हैं। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को अज्ञात चोरो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही प्रारंभ कर दिया है। जिससे बेसिक शिक्षा परिषद विभाग देवरिया में हड़कंप मच गया है।

आरोपियों को भय सता रहा है कि अब उनका जेल जाना तय है। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर एसआईटी ने अपनी नजर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर गड़ा दी है। एस आई टी ने फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में वर्ष 2010-11 का डिस्पैच रजिस्टर मांगा तो डिस्पैच रजिस्टर का रहस्यमय तरीके से गायब होने का मामला सामने आया। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर एवं खंड शिक्षाधिकारी की तहरीर पर मामले में केस दर्ज किया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में प्रत्येक सरकारी पत्र पर पत्रांक नम्बर अंकित होता है।

अधिकारियों को आने वाले पत्र और अधिकारियों द्वारा शिक्षकों और अन्य विभागों को भेजने वाले पत्रों को डिस्पैच रजिस्टर पर अंकित किया जाता है। बिना डिस्पैच रजिस्टर के कोई भी सरकारी आदेश मान्य नही होता है। डिस्पैच रजिस्टर में सभी प्रकार के पत्राचार और आदेश की जानकारी अंकित होती है। बेसिक शिक्षा विभाग देवरिया में एक दशक पूर्व बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इसके पीछे एक बड़ा रैकेट है और उसमें बीएसए कार्यालय के कुछ कर्मचारी, चपरासी व अन्य लोगो की संदिग्ध भूमिका है।

ये फर्जी नियुक्ति करके शिक्षक बनाने के लिए अनुमोदन, आदेशों को पूर्व बीएसए का बताकर डिस्पैच रजिस्टरों में कूट रचना करने में भी माहिर थे। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों दो अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में फर्जी अनुमोदन पत्र पर नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद एडीजी गोरखपुर आखिल कुमार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। एसआईटी ने फर्जी नियुक्ति के अनुमोदन वर्ष 2010-11 के डिस्पैच रजिस्टर मांगा।

श्री राय के अनुसार

बी एस ए कार्यालय के कर्मचारी चार दिनों तक डिस्पैच रजिस्टर को खोजते रहे, लेकिन नहीं मिला। इसके साथ कुछ अन्य वर्षो के भी डिस्पैच रजिस्टर नहीं मिले। इसे गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ खंड शिक्षाधिकारी बीरबल राम को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया। वरिष्ठ खंड शिक्षाधिकारी ने मामले की तहरीर सदर कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने अज्ञात चोरो के विरुद्ध धारा 379 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं। यहां यह भी बताते चलें कि एस आई टी ने करीब एक सप्ताह पहले डेढ़ दर्जन शिक्षकों सहित वित्त एवं लेखाधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में कोतवाली थाने मुकदमा दर्ज कराया है।




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