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Uttaranchal

किसान आन्दोलन के कारण उत्तराखण्ड में जनता का विरोध झेल रहे हैं भाजपा विधायक

Posted on: Wed, 06, Jan 2021 2:26 PM (IST)
किसान आन्दोलन के कारण उत्तराखण्ड में जनता का विरोध झेल रहे हैं भाजपा विधायक

काशीपुर, उत्तराखण्ड (कुंदन शर्मा) आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा ने कहा एक ओर उत्तराखण्ड के हजारों किसान पंजाब व अन्य राज्यों के किसानों के साथ दिल्ली की सीमाओं पर भयंकर ठंड व बारिश को झेलते हुए कृषि बिलों के विरोध प्रदर्शन में डटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के विधायक व मंत्री सत्ता के नशे में डूबे हुए हैं। पूरे प्रदेश में भाजपा के मंत्री व विधायकों को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है मगर फिर भी उत्तराखण्ड के किसानों और आमजन के वोट से विधायक मंत्री बनने वाले भाजपाई नेता सत्ता के नशे में इस कदर चूर हैं कि वो इन आवाजों को न सुनने का नाटक कर रहे हैं।

बीते तीन दिनों में ऊधम सिंह नगर के किसानों द्वारा दो बार अपने जनप्रतिनिधियों के विरोध कर उनसे किसानों के समर्थन में खड़े होने की अपील की गई मगर दोनो ही जनप्रतिनिधि किसानों से कन्नी काट कर निकल लिए। कल बाजपुर के बाँसखेड़ा में कैबिनेट मंत्री अरविन्द पांडेय को कृषि बिलों का विरोध कर रहे ग्रामवासियों ने गांव में ही नहीं घुसने दिया। अरविन्द पांडेय उन किसान समर्थकों को ही विपक्षी पार्टियों का बताने लगे। वही तीन दिन पहले काशीपुर में किसानों के विरोध में सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने वाले एक चिकित्सक के समर्थन में पंहुचे स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा को भी किसानों का भारी विरोध झेलना पड़र।

किसानों ने विधायक जी से दो टूक कह दिया कि वो तय करें कि वो किसानों के साथ हैं या किसानो के खिलाफ हैं, यदि वे किसानों के साथ हैं तो विधायकी से इस्तीफा देकर किसानों का समर्थन करें। इस सीधे सवाल पर चीमा ने चुप्पी साध ली। उन्होने कहा पूरे देश मे एकमात्र आम आदमी पार्टी है जो किसानों के समर्थन में हर कदम पर सेवादार के रूप में खड़ी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सनयोजक से लेकर आखिरी कार्यकर्ता तक किसानों के समर्थन में खड़ा है। प्रदेश में मनीष सिसोदिया जब मदन कौशिक के न्यौते पर बहस के लिए आये उसके बाद से ही भाजपाइयों में बौखलाहट है। मुन्ना सिंह चौहान द्वारा माननीय मनीष सिसोदिया के विषय मे दिया गया दोयम दर्जे का बयान बताता है कि भाजपा किस कदर सत्ता के नशे में चूर है और अपने आसपास बड़े स्तर पर उठ रही विरोध की आवाजों को सुनना ही नहीं चाहती।




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