रूधौली में पनप रहा है होमगार्ड्स और पुलिसकर्मियों में असंतोष, एसएचओ पर अभद्रता का आरोप
बस्तीः मजबूरियों के पास बगावत की ताकत नही होती है। पुलिस महकमे में तो बिलकुल नहीं। यह महकमा अनुशासन के लिये जाना जाता है। जिसने भी सीमा रेखा लांघने की कोशिश की उसका अहित हुआ। यही वजह है कि पुलिस महकमे का असंतोष बाहर नही आ पाता। यही कारण है कि आधे मन से ही लेकिन डियूटी तो करनी पड़ती है। यहां सबसे बड़ी समस्या छुट्टी और सीनियर अफसरों के द्वारा मातहतों के साथ किये जाने वाले आपत्तिजनक व्यवहार को लेकर है।
ताजा मामला बस्ती जिले के रूधौली थाने से आ रहा है। यहां के एसएचओ पर मातहतों से आपत्तिजनक व्यवहार के आरोप लग रहे हैं। यहां होमगार्ड्स व कांस्टेबलों ने दबी जुबान से बताया की दिन में बैंक ड्यूटी व रात में गस्त से परेशान होकर पुनः ड्यूटी लोग मजबूरी में कर रहे हैं। आरोप है कि पुलिस अधीक्षक के आदेश का हवाला देकर देकर उनसे अतिरिक्त डियूटी कराई जा रही है। पीड़ित सिपाहियों ने बताया कि होमगार्डों के साथ अभद्रता व गाली गलौज की घटना सही है, लेकिन सामने आकर बयान देने में अनुशासन भंग होने की सम्भावना बनी रहती।
कई पुलिसकर्मी भी प्रभारी निरीक्षक के तानाशाही और पक्षपात पूर्ण रवैये से असंतुष्ट हैं। आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक अपने कुछ चहेतों से डबल डियूटी नही लेते, लेकिन अन्य पुलिसकर्मी व होमगार्ड इससे परेशान हैं। गिरजेश शुक्ल, जयशंकर शुक्ल, उमेशचन्द पाण्डेय, राममूरत, श्रीकेश, प्रहलाद सहित कई होमगार्डों ने होमगार्ड कमान्डेन्ट, पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी यहां तक कि मुख्यमंत्री तक लिखित शिकायत भेजा है। शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि एसएचओ थाने के अंदर होमगाडर्सें को नही आने देते। मोबाइल साथ नही लाने देते और गाली गलौज देकर बात करते हैं।
शिकायती पत्र में पीड़ित होमगार्ड ने 9 मई की डियूटी का हवाला देकर कहा गया है कि उनकी तैनाती रूधौली कस्बे के डुमरियागंज तिराहे पर थी। रात 10 बजे तक दुकानों को बंद करने का आदेश है। यहां दुकान बंद करने के लिये कहा गया तो एक पान का दुकानदार होमगार्ड से उलक्ष गया। बाद में उसने एसएचओ से शिकायत कर दी। मामले में जब अपना पक्ष रखने गये तो वे गाली गलौज देते हुये जेल भेजने की धमकी देने लगे। इसके बाद कई होमगार्ड्स और पुलिसकर्मियों के असंतोष उभरकर सामने आ गये और शिकायती पत्र भेजकर जिले से लेकर शासन तक इसकी जानकारी दी गयी। हालांकि इस पूरे प्रकरण में एसएचओ से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल संपर्क से बाहर बता रहा था।