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Uttar pradesh

सूबे में सबसे ज्यादा कायाकल्प अवार्ड वाला जिला बना गोरखपुर

Posted on: Sun, 19, Jun 2022 10:16 AM (IST)
सूबे में सबसे ज्यादा कायाकल्प अवार्ड वाला जिला बना गोरखपुर

गोरखपुर, 18 जून। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) केंद्र श्रेणी के कायाकल्प अवार्ड की घोषणा के साथ ही गोरखपुर जिला सूबे में सबसे ज्यादा अवार्ड लेने वाला जनपद बन गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले की कुल 33 चिकित्सा इकाइयों को यह अवार्ड मिला है। जिले की बसंतपुर यूपीएचसी ने 91.9 फीसदी अंक हासिल कर प्रदेश में टॉप किया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने पूरे जनपद को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और कहा है कि अवार्ड में प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल गैप क्लोजर व व्यवस्था सुदृढ़ीकरण में होगा जिससे समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। सीएमओ ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड प्राप्त करने का आशय यह है कि पुरस्कृत चिकित्सा ईकाई में अस्पताल का रखरखाव, स्वच्छता एवं साफ सफाई, बायोमेडिकल बेस्ट मैनेजमेंट, इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिसेज, हाइजिन प्रमोशन व पेशेंट के फीडबैक पर अच्छा कार्य हो रहा है।

इन थीम्स में जो ईकाई 70 फीसदी से अधिक अंक लाती है उसे इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है। पुरस्कार का 75 फीसदी हिस्सा चिकित्सा ईकाई के गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रखरखाव व स्वच्छता व्यवस्था आदि पर खर्च करना होता है जबकि 25 फीसदी हिस्सा संबंधित ईकाई के अधिकारियों व कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए खर्च किया जाता है। शासन से प्राप्त विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार पुरस्कार की राशि खर्च की जाएगी। इस पुरस्कार को हासिल करने में नोडल अधिकारी क्वालिटी प्रोग्राम डॉ नंद कुमार, अर्बन कॉर्डिनेटर सुरेश चैहान, जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक (क्वालिटी) विजय कुमार श्रीवास्तव सहित समस्त जिला स्तरीय टीम, चिकित्सा इकाई के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व वहां के टीम की अहम भूमिका है।

बसंतपुर UPHC की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी व उनकी टीम को विशेष तौर पर बधाई, जिन्होंने अच्छे प्रयासों से पूरे प्रदेश में जिले का नाम रौशन किया है। नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नंद कुमार ने बताया कि जिला स्तरीय श्रेणी में दो और सीएचसी श्रेणी में आठ कायाकल्प पुरस्कारों की घोषणा पहले ही हो चुकी है। शुक्रवार को आए परिणाम के अनुसार जिले की छह पीएचसी, चौदह यूपीएचसी और तीन एचडब्ल्यूसी को भी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।

पीएचसी श्रेणी में पुरस्कृत सरदारनगर को जिले में फर्स्ट रैकिंग के कारण दो लाख रुपये, जबकि डेरवा, खोराबार, जंगल कौड़िया, कौड़ीराम और खजनी पीएचसी को 50-50 हजार रुपये मिलेंगे। एचडब्ल्यूसी श्रेणी लहसड़ी को जिले में फर्स्ट रैंक के कारण एक लाख रुपये, जबकि कालेसर को 50 हजार व जैनपुर एचडब्ल्यूसी को 35 हजार रुपये मिलेंगे। यूपीएचसी श्रेणी में बसंतपुर को दो लाख रुपये, झरना टोला को डेढ़ लाख रुपये, इस्लामचक, दीवान बाजार, बिछिया, शाहपुर, तारामंडल, निजामपुर, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, तुर्कमानपुर, इलाहीबाग, शिवपुर और अंधियारीबाग यूपीएचसी को 50-50 हजार रुपये मिलेंगे।

टीम भावना से हुआ कार्य

जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक (क्वालिटी) विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन से लेकर राज्य स्तरीय मूल्यांकन तक में सभी ने टीम भावना से कार्य किया जिसके परिणामस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है। गोरखपुर मंडल ने कुल 86 कायाकल्प अवार्ड हासिल किये हैं जिनमें 33 अवार्ड के जरिये गोरखपुर जिले ने अहम भूमिका निभाई है। देवरिया जिले को 33, महराजगंज को 22 और कुशीनगर जिले को आठ कायाकल्प अवार्ड मिले हैं।




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