हैलो डिप्टी सीएम! मेडिकल कालेज पर कब होगी आपकी नजर
देवरिया 22 सितंबर। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुए लगभग 1 वर्ष हो रहे हैं। लेकिन पूर्व में संचालित जिला अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता में वर्तमान समय में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। वर्तमान समय में मरीजों को डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवाएं धड़ल्ले से लिखी जा रही हैं। क्योंकि मेडिकल कॉलेज में दवाओं का नितांत अभाव है।
इस संबंध में आए दिन प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में तथा विभिन्न मीडिया चैनलों में इस आशय की खबरें प्रसारित एवं प्रकाशित की जाती हैं। लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। अगर स्वास्थ्य विभाग के सम्बंधित दस्तावेजों को देखा जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि यहां पर प्रचुर मात्रा में सभी रोगों की दवाओं की भरपूर उपलब्धता है। विडंबना यह है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी आला अधिकारी इस वस्तुस्थिति को जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं।
ग्राम चांद पाली थाना रामपुर कारखाना जनपद देवरिया के रहने वाले रामकुमार उपाध्याय नामक एक मरीज ने बताया कि करीब 1 वर्ष पहले यहां पर शुगर की दवाएं और बेसालाग इंसुलिन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता थी। लेकिन लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी डिमांड के बाद भी दुबारा बेसालाग इंसुलिन नहीं भेजा गया। इस मामले में मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉक्टर का कहना है कि बहुत डिमांड करने के बाद भी लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि भंडार ने बेसालाग के स्थान पर 70/30 इंसुलिन भेज दिया है। जिसकी कोई उपयोगिता नहीं है और वह बेकार पड़ा हुआ है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिन मरीजों को पूर्व में बेसालाग इंसुलिन लगा हो उसको 70/30 इंसुलिन सूट नहीं करता है। आश्चर्य इस बात का है कि किन लोगों के इशारे पर महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में दवाओं के नाम पर सरासर खिलवाड़ किया जा रहा है। क्या प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक इस समस्या पर ध्यान देकर प्रदेश सरकार की छवि को आम मरीजों के बीच में सुधारने का प्रयास करेंगे अथवा देवरिया का शुक्रवार का भ्रमण भी मात्र औपचारिकताओं तक ही सिमट कर रह जाएगा। बृजेश पाठक का जब शुक्रवार को जिले में आने की सूचना यहां के प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो उनका गला सूख गया है।