• Subscribe Us

logo
19 अप्रैल 2024
19 अप्रैल 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
Delhi

जगी न्याय की उम्मीदः बिलकिस बानों मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 को

Posted on: Tue, 28, Mar 2023 9:15 AM (IST)
जगी न्याय की उम्मीदः बिलकिस बानों मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 को

नेशनल डेस्कः बिलकिस बानो प्रकरण में पीड़िता को न्याय की उम्मीद बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई 18 अप्रैल को है। इस मामले में 15 अगस्त 2022 को 11 दोषियों की समय से पहले जेल से रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।

जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने गुजरात सरकार को दोषियों को छूट देने वाली रिलेवेंट फाइलों के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया हैं। इससे पहले दिसंबर 2022 में मामले की सुनवाई करने वाली बेंच से जज बेला माधुर्य त्रिवेदी ने अपना नाम अलग कर लिया था। इसी वजह से सुनवाई टाल दी गई थी। बिलकिस बानो की वकील शोभा गुप्ता ने नई बेंच बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कई बार अपील की। नई बेंच बनाने की बार-बार अपील करने पर मुख्य न्यायाधीश नाराज हे गये थे।

उन्होंने कहा था कि मामले में जल्द सुनवाई नहीं होगी, परेशान न करें। इसके बाद 22 मार्च को कोर्ट ने बताया कि नई बेंच सुनवाई के लिए तैयार है। बता दें 2002 के गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो से रेप और उसके परिवार के लोगों की हत्या के दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को समय से पहले रिहा कर दिया गया था। इसी के खिलाफ बानो ने 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी। बिलकिस बानो ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी।

वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है? इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कुछ जनहित याचिकाएं दाखिल कर दोषियों की रिहाई पर फिर विचार करने की मांग की गई थी। ये याचिकाएं नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमेन, पत्रकार रेवती लाल और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दाखिल की थीं।

बिलकिस के साथ गैंगरेप हुआ

गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च 2002 को दंगे भड़के थे। दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई। दंगाइयों से बचने के लिए बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं। तब बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती थीं। दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां सहित तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया।

इस दौरान हमलावरों ने बिलकिस के परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी। वहीं, 6 लोग लापता हो गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे। गैंगरेप के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। जनवरी 2008 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की सजा को बरकरार रखा था। आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की सबजेल में भेज दिया गया था।

750 मुसलमान मारे गए थे

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में भीड़ ने आग लगा दी थी। इसमें अयोध्या से लौट रहे 57 कारसेवकों की मौत के बाद दंगे भड़क गए थे। दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातर मुसलमान थे। केंद्र सरकार ने मई 2005 में राज्यसभा में बताया था कि गुजरात दंगों में 254 हिंदू और 750 मुसलमान मारे गए थे।




ब्रेकिंग न्यूज
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।