सरसों की फसल को माहू कीट से बचायें किसान

संतकबीर नगर 24 दिसंबर। जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने जनपद के किसान भाइयों को अवगत कराया है कि वर्तमान में सरसों की फसल में माहू कीट के प्रकोप की संभावना की दृष्टिगत उसके बचाव की अत्यंत आवश्यकता है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ पीलापन लिए हुए हरे रंग के होते हैं, जो पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नए फलियों के रस चूस कर कमजोर कर देते हैं।
माहु मधुस्राव करते हैं, जिस पर काली फफूद उग आती है, जिससे प्रकाश संश्लेषण में बाधा उत्पन्न होती है एवम उपज मे कमी आती है स उन्होंने बताया कि किसान भाई कीट प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर से ऊपर जाने पर निम्न में से किसी एक रसायन का छिड़काव करना लाभकारी है। डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ई.सी. अथवा ऑक्सीडेमेटोंन मिथाइल 25 प्रतिशत ई. सी. अथवा क्लोरपाइरिफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. की 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से अथवा मोनोक्रोटोफॉस 36 प्रतिशत एस. एल. की 500 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से 600 से 750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए स इसके अलावा नीम का तेल 0.15 प्रतिशत ई. सी. 2.5 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग किया जाना भी लाभकारी है।