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कृषि/बागवानी

आयुक्त ने बस्ती मंडल में नारियल का पौध लगाने पर दिया बल

Posted on: Tue, 05, Oct 2021 8:53 AM (IST)
आयुक्त ने बस्ती मंडल में नारियल का पौध लगाने पर दिया बल

बस्तीः कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती के प्राध्यापक एवं अध्यक्ष डॉ एस. एन. सिंह एवं डॉ .डी.के. श्रीवास्तव, सहप्राध्यापक (पशुपालन) ने मंडलायुक्त गोविंदराजू एन.एस. को नारियल, पपीता एवं सहजन का पौधा प्रदान किया। कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड, त्रिचुर कर्नाटक के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र, बेलीपार गोरखपुर में पूर्वांचल हेतु उपयुक्त प्रजाति की नर्सरी डाली गई है।

जिससे इस नर्सरी से कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती द्वारा जनपद के कई गांवों में नारियल के पौध किसानों के घर पर लगवाए गए है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली द्वारा विकसित पपीता की पूसा नन्हा प्रजाति के पौधे इस केंद्र पर उपलब्ध है,ं जिसकी प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें 1 फुट की उचांई पर फलत आने लगती है तथा एक बार लगाने पर 3 साल तक फलत प्राप्त होती है। इसके फल में 10 से 12 ब्रिक्स तक मिठास में होता है। इसमें एक स्थान पर एक से डेढ़ फीट की दूरी पर दो पौध लगाना उपयुक्त होता है, जिसको बांधने पर पौधों के गिरने की संभावना कम हो जाती है।

पपीते की खेती जनपद के ऊंचाई वाले भू-भागों पर की जाती है। पौध से पौध की दूरी 6 फिट है तथा लाइन से लाइन की दूरी 6 फिट रखी जाती है। आयुक्त ने सहजन के पौधे हर घर मे लगवाने हेतु प्रेरित करने को कहा। उन्होनें बताया कि सहजन 300 बीमारियों में उपयोगी होता है। पश्चिमी देशों में इसे न्यूट्रीशन डायनामाइट कहते हैं। इसकी छाल, पत्ती एवं फली प्रयोग में आती है। इसके 100 ग्राम पत्ते में संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन सी, दहीं से 9 गुना अधिक प्रोटीन, गाजर से 4 गुना विटामिन ए, पालक से 25 गुना अधिक आयरन केले से 15 गुना अधिक पोटेशियम, दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम पाया जाता है।


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