जो राम को लाये हैं, उनको राम बनायेंगे

अयोध्या में राम मंदिर बनाने का आदेश आने के बाद हो रहे चुनावों में भारतीय जनता का नारा बदल गया। पहले कहते थे, रामलला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे। इस आदेश के आने के बाद नारा लगने लगा ‘जो राम को लायेंगे हम उनको लायेंगे’ और अब जो राम को लाये हैं उनको ही राम बनाने की तैयारी है। भारतीय राजनीति के दो अहम किरदार हैं जिन पर फोकस किया जाना है।
हम बात कर रहे हैं अयोध्या की जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परम भक्त प्रभाकर मौर्या ने योगी का बाकायदा मंदिर बनाया है और रोज उनकी प्रतिमा का पूजन अर्चन कर रहा है। इस मंदिर को बनाने में कुल 5.56 लाख रूपये खर्च किये गये हैं। इसमे योगी आदित्यनाथ की फाइबर से बनी 5 फिट 4 इंच ऊंची मूर्ति लगी है जिसकी कीमत 49 हजार है। इसे जयपुर से स्पेशल ऑर्डर देकर तैयार कराया गया है।
अब जरा सोचिये राम को न हमने देखा है और आपने। राम को देखने वालों में इस वक्त कोई जिंदा नही है। नई पीढ़ी से कोई राम के बारे में जानना चाहे तो वह रामानंद सागर के सीरियल वाले अरूण गोविल को राम मानती है। रामानंद सागर ने ऐसा धारावाहिक बनाया, और उसमे ऐसे किरदार तय किये कि उनका अभिनय दिल दिमाग पर छा गया। सभी के मन मस्तिष्क में उनकी तस्वीर ने जगह बना लिया कि राम ऐसे ही रहे होंगे, या फिर यहीं राम हैं। यही हाल होगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का, जिन्हे भगवान बनाने की तैयारियां शुरू हो गयीं हैं।
चूंकि बात सनातम धर्म की है इसलिये इसकी शुरूआत के लिये अयोध्या सबसे मुफीद जगह है। अयोध्या के प्रभाकर योगी आदित्यनाथ को श्रीकृष्ण व राम का अवतार मानते हैं। इसी तरह जिंदा लोगों की मूर्तिंया स्थापित होती रहीं तो अगली पीढ़ी इन्हे राम समझेगी और इनके हजारों मंदिर बनवाकर इसमे इनकी मूर्तिंयां स्थापित करा देंगी। ये भारतवर्ष है, यहां कुछ भी असंभव नही है। इसलिये आम जनमानस को यह बदलाव स्वीकार कर लेना चाहिये। पहले ओरिजनल राम को रिप्लेस कर अरूण गोविल को स्थान दिया और अब योगी को राम मान लिया।
यहां एक बात का जिक्र करना होगा। भारत भूमि पर इस वक्त सबसे यशस्वी पुरूष नरेन्द्र दामोदर दास मोदी हैं। इससे पहले मोदी को राम और योगी को उनका हनुमान कहकर महिमामंडन किया जा चुका है। बेहतर होगा इन दोनो किरदारों को राम और हनुमान बनाने से पहले यह तय कर लिया जाये कि इसमे कौन हनुमान और कौन राम है। वरना जो 8 सालों से राम का किरदार निभा रहा है उसे अचानक हनुमान बना देने पर अभिनय सहज नही होगा।
कौन हैं प्रभाकर
अयोध्या जिले के मौर्या का पुरवा निवासी प्रभाकर मौर्य (32) पहले गांव में रामायण, भजन गाया करते थे। बाद में उन्होने खुद का यू ट्यूब चैनल बना लिया, इसके 1.52 लाख फॉलोअर हैं। इन्होने 2015 में संकल्प लिया था कि अयोध्या में जो राम मंदिर बनवायेगा उसका मंदिर बनवाकर पूजा पाठी करेंगे। प्रभाकर यूट्यूब पर 500 से ज्यादा भजन लोड कर चुके हैं, योगी आदिम्यनाथ के समर्थन में अब 500 गाने गा चुके हैं।
प्रभाकर कहते हैं यूट्यूब से होने वाली कमाई से मंदिर बनवाया है। यि मूर्मि मौर्या का पुरवा गांव में भरतकुंड के पास बना है। गांव वालों ने पहले प्रभाकर का विरोध किया। लेकिन पिता जगन्नाथ मौर्या ने उसका साथ दिया और मंदिर बनकर खड़ा हो गया। प्रभाकर ने 12 वीं तक पढ़ाई की है, पिता की माने तो पढ़ाई के वक्त से गाना गाने लगा था। 2019 एवं 2021 में प्रभाकर ने योगी से मुलाकात किया, उस वक्त मुख्यमंत्री ने उन्हे सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया था।