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अखबारों के दफ्तरों पर छापेमारी, सत्ता प्रतिष्ठानों के दिवालियेपन की निशानी

Posted on: Thu, 22, Jul 2021 4:39 PM (IST)
अखबारों के दफ्तरों पर छापेमारी, सत्ता प्रतिष्ठानों के दिवालियेपन की निशानी

अशोक श्रीवास्तव की संपादकीय- यूपी में विधानसभा चुनाव निकट आता देख भाजपा मीडिया को टारगेट कर रही है। खासकर से वे मीडिया संस्थान जो अपनी निष्पक्षता और बेबाकी के दम पर जनता की आवाज बन चुके हैं। जो सत्ता की आवाज में आवाज मिला रहे हैं वे सरकार और सत्ता प्रतिष्ठानों के लोकप्रिय बने हैं लेकिन किसी दल या प्रतिष्ठा के लिये काम न करके राष्ट्र और जनता के लिये काम कर रहे हैं वे निशाने पर हैं।

पुलिस, आयकर, खुफिया विभागों के अफसरों के जरिये उन्हे डराया जा रहा है। इन्ही नाकाम कोशिशों के तहत आज भाष्कर अखबार और भारत समाचार के संपादक बृजेश मिश्रा के घर इडी की छापेमारी की गयी। ये दोनो संस्थान पीड़ित परेशान जनता की आवाज प्रमुखता से उठा रहे हैं। बगैर किसी प्रभाव में आये, निडर होकर निष्पक्षता के साथ जनता के साथ खड़े हैं, जबकि अनेकों संस्थान सत्ता की दलाली करके समूची पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हैं। निःसंदेह भाष्कर ग्रुप के संपादकों का साहस प्रणम्य है। जिन सत्ता प्रतिष्ठानों ने मीडिया को टारगेट किया उनका हस्र बड़ा बुरा हुआ है।

चौथे स्तंभ को टारगेट करना, भाष्कर, भारत समाचार के दफ्तरों व घरों पर छापेमारी सत्ता प्रतिष्ठानों के दिवालियेपन का प्रतीक है। सच का सामना से घबरा रही भारतीय जनता पार्टी ने अपने चाल चरित्र चेहरे का मूल्यांकन करने की बजाय मीडिया को निशाने पर लेना शुरू किया है, शायद सता आखिरी सांस ले रही है। सभी संबधितों को हम बड़ी विनम्रता से अवगत कराना है कि मीडिया पर जितना दबाव बनाने की कोशिश हुई है मीडिया उतनी ही स्वतंत्र और सुदृढ हुई है। हमारा टारगेट कोई सरकार या सत्ता प्रतिष्ठा नही है।

भ्रष्टाचार, सरकारी योजनाओं में लूट, महिलाओं संग दुराचार, भयंकर बेरोजगारी, भुखमरी, सरकारी धन का बंदरबांट, वादा खिलाफी, लोकतांत्रिक मर्यादाओं का चीरहरण, शिक्षा, चिकित्सा क्षेत्र की बरबादी, उद्योगहीनता, बेतहाशा मढ़ती महगाई हमारे निशाने पर है। इन मामलों में खबरें, लेख, संपादकीय लिखने पर किसी को खाज खुजली होने लगे तो दोष हमारा नही है। उन्हे मीडिया को टारगेट की बजाय खुद का गंभीरता से अवलोकन करना चाहिये। मीडिया हमेश समाज का दर्पण रहा और रहेगा, इस पर पत्थर फेंककर चाहे जितने टुकड़े कर दो, छोटे छोटे टुकड़ों में सच बयां करने की ताकत होगी। पूरा देश इंतजार कर रहा है मीडिया को टारगेट करने की हरकतें बंद नही हुई तो हम जनता के साथ सड़क पर होंगे चाहे जितनी ताकतवर सत्ता होगी, धराशायी होगी।


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