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डीएम सीडीओ के आदेश हाशिये पर, कायम है छुट्टा जानवरों का आतंक

Posted on: Mon, 18, Apr 2022 10:06 AM (IST)
डीएम सीडीओ के आदेश हाशिये पर, कायम है छुट्टा जानवरों का आतंक

बस्तीः शहर में छुट्टा जानवरों व बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। कोंई मोहल्ला गली नही है जहां इनका खतरा न हो। आलम ये है कि रास्ता चलना मुश्किल हो गया है। छुट्टा जानवरों के हमलों से लोग घायल हो रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना है। जिलाधिकारी रोजाना बैठकें करती हैं, अफसरों की क्लास लेती हैं, नगरपालिका प्रशासन को अगले 100 दिनों तक छुट्टा जानवरों को पकड़वाने का निर्देश दिया है। लेकिन उनका आदेश बेअसर है। 100 दिन क्या, एक दिन भी नगरपालिका प्रशासन ने इस दिशा में कोई प्रयास नही किया।

सैंकड़ों छुट्टा जानवर सड़कों, मोहल्लों में घूमते देखे जा सकते हैं। समझ में नही आता कि जिलाधिकारी का पॉवर कम हो गया है या फिर उनका आदेश नगरपालिका पर बाध्यकारी नही है, अथवा सूचना विभाग से विज्ञप्तियां भेजवाकर समाचार माध्यमों में गुडवर्क छपवाकर केवल वाहवाही लूटनी है। फिलहाल इससे जनता की दुश्वारियां कम होने वाली नही हैं। लोगों का कहना है कि अफसरों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिये, वे जनता से बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन ये भूल जाते हैं कि जनता भी उनसे कुछ उम्मीदें करती है।

इससे पहले मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश प्रजापति ने भी नगरपालिका को आदेशित किया था कि छुट्टा जानवरों को पकड़वाकर गौशालों में भेजा जाये। लेकिन ये आदेश में कूड़े में चला गया। उन्होने यहां तक कहा था कि जानवर खुले में घूमते दिखे तो नगरपालिका और पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जायेगा। यह आदेश भी समाचार माध्यमों और कूड़ा पात्र तक रह गया। बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने भी विगत दिनों बस्ती उद्योग व्यापार मडल ने भी एसडीएम सदर को ज्ञापन देकर बुनियादी सुविधाओं की मांग किया था जिसमे छुट्टा जानवरों से निजात दिलाने की मांग भी शामिल थी, लेकिन इसे भी कूड़े में डाल दिया गया। ऐसा लगता है जैसे अफसरों की काम करने की इच्छाशक्ति ही मर गई हो।


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