• Subscribe Us

logo
29 मार्च 2024
29 मार्च 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
समाचार > संपादकीय

तेल का खेल समझिये

Posted on: Fri, 05, Nov 2021 1:40 PM (IST)
तेल का खेल समझिये

केन्द्र की मोदी सरकार पेट्रोल की कीमतों में 10 और डीजल में 2 रूपये कम करके वाहवाही लूट रही है। यूपी की योगी सरकार ने पेट्रोल पर 7 और डीजल पर 10 रूपये वैट घटाकर जनता को बड़ी राहत दिया है। सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थक इसे ऐतिहासिक कदम बताकर खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। दरअसल जनता महंगाई के बोझ तले दबी जा रही है। लोगों का इनकम लेवल तेजी से घट रहा है और महगाई के कारण खर्चे बढ़ रहे हैं। समाज का निचला तबका सरकारी योजनाओं का लाभ पा रहा है, अमीरों पर महंगाई का कोई असर नहीं।

मध्यमवर्गीय परिवार सबसे ज्यादा मुसीबत में हैं। खाद्य तेलों और रसोई गैस से लेकर सब्जियों तक कीमतें आसमान छू रही हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के महंगे होने की असर सीधे रोजमर्रा की वस्तुओं पर पड़ता है। ढुलाई के नाम पर दाम जरूरत से ज्यादा बढ़ा दिये जाते हैं। जहां तक डीजल पेट्रोल के दामों की बात है, तो इसको लेकर देश में सुनियोजित खेल चल रहा है। इसे हर कोई नही समझ पाता और समझना भी नही चाहता। लेकिन डीजल पेट्रोल के दामों में की गई हालिया कमी पर वाहवाही लूटने वालों के लिये तेल का ये खेल समझना चाहिये।

केन्द्र सरकार ने साल साल 2021 में पेट्रोल के दामों में 28 और डीजल के दामों में 26 रूपये की बढ़ोत्तरी किया है। सरकार पेट्रोल पर 32.90 रूपये और डीजल पर 31.80 रूपये एक्साइज डियूटी लेती है। इस राज्यों में लगने वाला वैट अलग से जुड़ जाता है जो वन नेशन वन टैक्स की अवधारणा के साथ भद्दा मजाक है। साल 2014 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पेट्रोल पर 9.48 रूपये और डीजल पर 3.56 रूपये एक्साइज डियूटी ले रही थी। उस वक्त पेट्रोल 71.41 रूपये और डीजल 55.49 के भाव बिक रहा था। उस वक्त कच्चा तेल 105.71 रूपये डालर प्रति बैरल था इस वक्त यह 82 डॉलर प्रति बैरल है।

अब आपको तेल का खेल समझ में आ गया होगा। ये सारा खेल पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिये हो रहा है। पान मसाला, गुटखा और पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी के दायरे में नही है। जबकि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले वन नेशन वन टैक्स की अवधारणा का खूब जोर शोर से प्रचार प्रसार किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद खुद के सिद्धान्तों को दरकिनार कर दिया। 105.71 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल खरीदकर मनमोहन सिंह की सरकार 71.41 रूपये पेट्रोल और 55.49 रूपये प्रति ली. के भाव से डीजल बेंच सकती है तो मोदी सरकार क्यों नही ? जनता को उस दिन का इंतजार है जब कच्चे तेल के दामों के अनुपात में डीजल पेट्रोल के दाम कम किये जायें और इन पदार्थों को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाये।


ब्रेकिंग न्यूज
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।