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05 मई 2024
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धर्म/आस्था

भगवान शिव का विवाह मंगलकारी है

Posted on: Sat, 13, Apr 2024 9:42 AM (IST)
भगवान शिव का विवाह मंगलकारी है

बस्ती। भगवान शिव का विवाह मंगलकारी है। वे धर्म की सवारी कर वृषभ पर बैठकर बारात लेकर निकले। उनका भेष भले ही विलक्षण हो किन्तु वे समाज को संदेश देते हैं कि विवाह संस्कार में अनावश्यक प्रदर्शन न किया जाय। शंकर जी की बरात में दुनिया के सभी विलक्षण जीव थे। देवता से लेकर भूत-पिशाच तक इस बरात में शामिल हुए।

यह सद् विचार कथा व्यास रूद्रनाथ मिश्र ने श्रीराम जानकी मंदिर निपनिया चौराहा में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त दसकोलवा में आयोजित 9 दिवसीय श्री शिव शक्ति महायज्ञ और श्रीराम कथा में व्यक्त किया। महात्मा जी ने कहा कि बारात जब हिमांचल राज के यहां पहुंची तो माता मैना देवी भगवान शिव की आरती करते वक्त बेहोश हो गईं। विद्वानों का कहना है कि मैना देवी को लगा कि जिसने सिर पर चंद्रमा धारण किया हो उसकी आरती एक छोटे दीपक से कैसे हो सकती है। इसी प्रकार जिसकी जटाओं से गंगा जी निकली हों उसकी पूजा एक लोटा जल से कैसे हो सकता है। बरात का यथोचित स्वागत के बाद वैदिक रीति रिवाज से विवाह संपन्न कराया गया।

अंकितदास जी महाराज श्री कहा कि श्रीराम का जीवन तो ऐसा पवित्र है कि उनका स्मरणमात्र से हम पवित्र हो जाते है। श्रीराम की मातृ पितृ भक्ति अलौकिक है। वशिष्ठी की नगरी बस्ती धन्य है जहां पुत्रेष्टि यज्ञ से परमात्मा का अवतार हुआ। दशरथ के पास वशिष्ठ जैसे समर्थ गुरू होने के बाद भी वे निःसन्तान थे, उसका कारण मात्र यही कि उन्होने इच्छा ही प्रकट नहीं किया। जैसे ही दशरथ जी ने इच्छा प्रकट किया श्रृंगीऋषि के मार्ग दर्शन में यज्ञ अनुष्ठान सफल हुआ। धरती पर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का जन्म हुआ। दशरथ के घर साक्षात पर ब्रम्ह श्री हरि पैदा हुये। जो निर्गुण थे वही भक्तों के प्रेम के कारण सगुण हो गये।

चैत्र मास शुक्ल पक्ष और नवमी तिथि को मध्यान्ह में श्रीराम ने धरा पर अवतार लिया। कथा पाण्डाल में जैसे ही श्रीराम का जन्म हुआ ‘भए प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी’’ के गान के साथ वातावरण प्रसन्नता से भर गया। श्रद्धालु भक्तों ने फूलों की वर्षा किया और सिया वरराम चन्द्र की गूंज से कथा पाण्डाल गूंज उठा। यज्ञाचार्य नीरज शास्त्री ने मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा में मूर्तियों को घी, मधु, दही, पंचामृत से स्नान कराकर कुण्ड में अग्नि प्रज्जवलित कराया। ब्रम्हलीन बाबा महादेव दास की स्मृति में आयोजित 9 दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान में मुख्य रूप से प्रभात शास्त्री, आशुतोष दास, आदित्यदास, नीरज दास, ऋतिक दास, ओम नरायन, संगम शुक्ल, मुख्य यजमानगण दयाशंकर, राजकुमारी, नागेन्द्र मिश्र, राम सोहरत, शान्ती देवी, कौशल कुमार, कुसुम, सुनील पाण्डेय, मीरा देवी, सुल्ताना बाबा, सरोज मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त शामिल रहे।


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