• Subscribe Us

logo
29 अप्रैल 2024
29 अप्रैल 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
धर्म/आस्था

नन्हे कलाकारों की मनोहारी रामलीला में राज्याभिषेक शनिवार को

Posted on: Fri, 03, Nov 2023 9:44 PM (IST)
नन्हे कलाकारों की मनोहारी रामलीला में राज्याभिषेक शनिवार को

बस्तीः श्री रामलीला आयोजन समिति के नवम दिन का शुभारंभ नित्य की भांति प्रभु श्री राम के सजीव झांकी के पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। आज की आरती में मुख्य रूप से संतोष सिंह, हरीश त्रिपाठी, कर्नल के सी मिश्र, सुशील मिश्र उपस्थित रहे। आज का प्रसंग सेतु बंध रामेश्वरम, अंगद रावण संवाद जीवीएम कान्वेंट स्कूल जयपुरवा के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया।

जामवंत जी पूर्व में नल और नील को मिले श्राप को वरदान मानते हुए समस्त बंदर भालुओं की फौज को वृक्षों और पर्वतों के समूह को उखाड़ लाने के लिए जिससे सुंदर सेतु का निर्माण हो तुरंत भेज देते हैं। सभी बंदर भालू प्रभु की जय जयकार करते हुए विशाल पर्वतों वृक्षों को उखाड़ लाते हैं और लाकर नल नील को देते हैं। वह उन पत्थरों पर राम नाम लेकर समुद्र में छोड़ते हैं जिससे सेतु का निर्माण होता है। प्रभु श्री राम वहां रामेश्वरम की स्थापना कर पूजन अर्चन करते हैं तत्पश्चात नल और नील के द्वारा निर्मित सेतु बांध पर कर लंका में प्रवेश करते हैं।

लंका में प्रवेश करते ही रावण के पुत्र से भेंट होती है। वाद विवाद के बीच अंगद रावण के पुत्र को धरती पर पटकते हैं जिससे उसकी तत्काल मृत्यु हो जाती है। नगर में कोलाहल मच गया कि जिसने लंका जलाई थी वही वानर फिर आ गया है। यह सूचना पाकर रावण अपने दूत भेज कर अंगद को सभा में बुलाता है। अंगद अभिवादन कर रावण को एक बार पुनः मनाने का कार्य करते हैं। अंगद और रावण का लंबा संवाद चलता है। तत्पश्चात प्रभु श्री राम की निंदा सुनकर अंगद अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और तमक कर अपने दोनों भुजाओं को पृथ्वी पर दे मारते हैं जिससे पृथ्वी हिलने लगती है।

सभी सभासद गिर पड़े और भयभीत होकर भाग गए। रावण भी गिरते गिरते संभाल कर उठा। उसका अत्यंत सुंदर मुकुट पृथ्वी पर गिर गया। अंगद ने रावण के मुकुट को लात मार कर प्रभु श्री राम के पास भेज दिया। रावण क्रोधित हो अपने दूतों को अंगद को बंदी बनाने के लिए भेजते हैं। अंगद ने कहां अरे मूर्ख यदि तू मेरा चरण यहां से हटा सके तो श्री रामचंद्र जी वापस लौट जाएंगे और मैं माता सीता को हार जाऊंगा। यह मेरा प्रण है। मेघनाथ आदि सभा में उपस्थित सभी योद्धा अंगद के पैर को उठाने का र्भ सक प्रयास करते हैं किंतु कोई सफल नहीं होता।

अंगद जी वहां से चल देते हैं और भगवान के पास आ जाते हैं। अंगद जब सूचना देते हैं कि रावण ने इस अंतिम प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है तब प्रभु राम सेना को आक्रमण करने का आदेश देते हैं। आगे के प्रसंग में लक्ष्मण शक्ति, कुम्भकरण वध एवं मेघनाद वध के प्रसंग की प्रस्तुति सरस्वती विद्या मंदिर रामबाग के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया। युद्व में लक्ष्मण की मूर्छा को जान चिंतित हो जाते हैं।

हनुमान जी युद्ध क्षेत्र में पहुंच संजीवनी प्रदान करते हैं जिससे लक्ष्मण जी जीवित हो होते हैं। रावण चिंतित होता है और अपने भाई कुंभकरण का आवाहन करता है प्रभु श्री राम अपने बाण से कुंभकरण का संधान करते हैं पुनः मेघनाथ रणभूमि में आते हैं और श्री राम और लक्ष्मण जी को नाग पास में बांध देते हैं तब प्रभु को नागपाश से छुड़ाने के लिए गरुड़ जी जाकर सांपों का भक्षण कर लेते हैं। जिससे भगवान व लक्ष्मण दोनों मूर्छा से जग जाते हैं। मेघनाद द्वारा किये जा रहे अजेय यज्ञ को भेद लक्ष्मण जी मेघनाद का वध कर देते हैं। कल रावण वध के साथ श्री राम राज्याभिषेक का मंचन होगा।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिलवनियां में आयोजित हुआ आरोग्य मेले का आयोजन इण्डिया गठबंधन की सरकार बनी तो आत्मनिर्भर बनेगा भारत इण्डिया गठबंधन की सरकार बनी तो खाली हाथ नही होंगे युवा महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देगी इण्डिया गंठबंधन सरकार Lucknow: लखनऊ के चिनहट में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म लखनऊ में सिलेंडर फटने से दो मंजिला मकान गिरा, तीन घायल